अनौपचारिक पत्र
समाचार पत्र के संपादक को पत्र
दिनांक : 15 मई 2024
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
प्रभात दर्शन,
नई दिल्ली
माननीय संपादक महोदय,
पिछले दिनों समाचार पत्र में मैंने एक समाचार पढ़ा, जिसमें यह बताया गया था कि दिल्ली के कनॉट प्लेस मेट्रो स्टेशन पर एक यात्री जांच मशीन के पास भूलवश अपना एक बैग छोड़ गया था, जिसमें लगभग एक लाख रुपए नकद थे। पुलिस को वह बैग मिला। यात्री जब बैग को ढूंढते हुए वापस उस जगह पर आया तो पुलिसवालों ने वह वह उसे वापस कर दिया। यह समाचार पढ़कर बड़े ही हर्ष का अनुभव हुआ।
हम अक्सर पुलिस और सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की बातें करते रहते हैं, लेकिन आज भी पुलिस तथा अन्य सरकारी विभागों में ईमानदार कर्मचारी भी काम करते हैं, यह घटना उस बात का सबूत है। पुलिस ने जिस तरह ईमानदारी का परिचय देते हुए यात्री को उसका बैग वापस लौटाया, वह एक सराहनीय कार्य है।
आजकल नकद पैसे देकर हर किसी की नियत खराब हो जाती है। पुलिस वाले चाहे तो वो बैग रख लेते और यात्री को गोलमोल बातें बना सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपने कर्तव्य परायणता सिद्ध करते हुए ईमानदारी का परिचय दिया।
ऐसे अच्छे कार्यों के कारण ही समाज में अभी तक अच्छाइयां जीवित है। काश सभी सरकारी विभागों के कर्मचारी ऐसे ही ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ बन जाए तो हमारे देश को एक आदर्श देश बनते देर नहीं लगेगी।
धन्यवाद,
एक पाठक,
सुभाष मेहता,
करावल नगर, नई दिल्ली ।