शब्दों की दरिद्रता इस विषय पर अपने विचार लिखो​।

विचार लेखन

शब्दों की दरिद्रता

 

शब्दों की दरिद्रता एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति और समाज दोनों को प्रभावित करती है। यह मुख्यतः शिक्षा की कमी, पठन की आदत न होने और सीमित भाषाई अनुभव के कारण होती है। इसका प्रभाव व्यक्ति की अभिव्यक्ति क्षमता, संवाद कौशल और समझ पर पड़ता है, जो आगे चलकर सामाजिक और व्यावसायिक अवसरों को भी सीमित कर सकता है। इस समस्या का समाधान नियमित पठन, शब्दकोश का उपयोग और बहुभाषी शिक्षा के माध्यम से किया जा सकता है।

डिजिटल युग में संक्षिप्त संवाद का बढ़ता चलन एक चुनौती है, जो शब्द दरिद्रता के बढ़ा रहा है। लोग संक्षिप्त संदेश के चक्कर में शब्दों के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ करते हैं, जिससे नए बेतुके शब्द बनते हैं। इस तरह मूल शब्द बिल्कुल बिगड़ जाते हैं। यही शब्द दरिद्रता को जन्म देते हैं। अंततः, शब्दों का समृद्ध भंडार न केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक है, बल्कि समाज के सामूहिक ज्ञान और संस्कृति को भी समृद्ध करता है। किसी भी भाषा को बचाए रखने के लिए शब्दों की दरिद्रता जैसी स्थिति कभी भी पैदा न हो, यही उस भाषा के लिए हितकर है।


Other questions

‘किसी भी कार्य को करने के लिए दृढ़ता की आवश्यकता होती है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखो।

बेहतर भविष्य के लिए सिर्फ व्यवहारिक विषयों (गणित, विज्ञान, अर्थशास्त्र) की पढ़ाई होनी चाहिए। इस पर विचार लिखें।

Related Questions

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Questions