‘मधुरस’ मे समास इस प्रकार होगा :
मधुरस : मधुर है रस जो
समास का नाम : कर्मधारण्य समास
स्पष्टीकरण :
‘मधुरस’ में ‘कर्मधारण्य समास’ होगा। क्योंकि इसके समास विग्रह में पहला पद एक विशेषण कार्य कर रहा है, और दूसरा पद एक विशेष्य है।
‘कर्मधारय समास’ में दोनों पदों में पहला पद एक विशेषण का कार्य करता है और दूसरा पद विशेष्य से होता है अर्थात पूर्व पद उपमान का कार्य करता है और उत्तर पद उपमेय का कार्य करता है।
कर्मधारण्य समास
‘कर्मधारण्य समास’ की परिभाषा के अनुसार समास का वह रूप जिसमें दोनों पद में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य से होता है और दोनों पदों में उपमान एवं उपमेय का संबंध होता है, वहाँ कर्मधारण्य समास होता है।
कर्मधारय समास के कुछ अन्य उदाहरण :
नीलकमल : नीला है जो कमल अथवा नीला कमल
पीतांबर : पीला है जो अंबर (पीला वस्त्र।
महात्मा : महान है जो आत्मा (महान आत्मा)
देहलता : देह रूपी लतासमास
समास से तात्पर्य दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बने विशेष शब्द से होता है।समास के 6 भेद होते हैं, जो कि इस प्रकार हैं :
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- बहुव्रीहि समास
- द्वंद्व समास
- द्विगु समास
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