कवि को खुले आकाश की तलाश है, वह पक्षी की तरह उड़ना चाहते हैं और दुनिया देखना चाहते हैं। हमें भी खुले आकाश की तलाश है, लेकिन हमें पक्षी की तरह नहीं उड़ना है। हमें अपने विचारों का खुला आकाश चाहिए। स्वतंत्रता का खुला आकाश चाहिए। अपनी अभिव्यक्ति का खुला आकाश चाहिए। हमें मन की स्वतंत्रता चाहिए, ताकि हम अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सकें। जिस समाज में विचारों को अभिव्यक्त करने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है, वह समाज अधिक प्रगतिशील बनता है। हमें वह सामाजिक बंधन नहीं चाहिए, जो बात बात पर हम पर सामाजिक नियमों और सामाजिक रीति-रिवाजों के नाम पर हम पर अंकुश लगाएं। हमें अच्छे विचारों को बिना किसी रोक-टोक प्रसारित करना है। हमें अपने विचारों का पंख लगा कर मन की गति से उड़ना है।
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