लेखक ने मदर टेरेसा से फ्रांस के बारे में यह पूछा कि आप फ्रांस की हैं और सिस्टर क्रिस्टहैल्ड आपके शत्रु देश जर्मनी की हैं, फिर भी आप सिस्टर क्रिस्टहैल्ड से प्रेम करती हैं। इसके जवाब में मदर टेरेसा ने कहा कि चाहे मैं हूँ, या सिस्टर क्रिस्टहैल्ड दोनों ईश्वर के लिए कार्य कर रही हैं। इसलिए हम दोनों एक हैं। इसमें मित्र देश अथवा शत्रु देश वाली कोई बात नहीं। ईश्वर की दृष्टि में हम सब एक हैं। यह जवाब सुनकर लेखक के मन में यही विचार आया कि मनुष्यों ने खुद ही भौगोलिक क्षेत्रों एवं जाति धर्म आदि की अनगिनत दीवारें खड़ी कर दी हैं, जिनके कारण वह एक दूसरे से लड़ते रहते हैं, नहीं तो ईश्वर ने तो हम सभी को एक समान ही बनाया है।
‘रॉबर्ट नर्सिंग होम में’ पाठ ‘कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर’ द्वारा लिखा गया एक संस्मरणात्मक पाठ है, जिसमें उन्होंने प्रसिद्ध समाजसेविका ‘मदर टेरेसा’ के साथ हुई अपने के संस्मरणों का वर्णन किया है। मदर टेरेसा से भेंट करने के बाद वह उनकी सेवा भावना तथा उनके विचारों से बेहद प्रभावित हुए थे।
संदर्भ पाठ :
‘राबर्ट नर्सिंग होम में’ लेखक : कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर
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