बाबा को अनाज मुफ्त मिलने की बात पर इसलिए विश्वास नहीं हुआ क्योंकि उस समय शहर में भयंकर अकाल पड़ा हुआ था। सब लोग अकाल के कारण दाने–दाने को तरस रहे थे और भूख से तड़प–मर रहे थे।किसी के पास रोटी बनाने के लिए अनाज न था। ऐसी स्थिति में कौन होगा जो अनाज मुफ्त देगा? इसीलिए बाबा को अनाज मुफ्त मिलने की बात पर विश्वास नही हुआ।
‘राजा’ नामक कहानी में कपड़े प्रेस करने वाला लेखक को अपनी कहानी सुना रहा था तो उसने बताया कि जब वह छोटा बच्चा था तो लाहौर शहर में भयंकर अकाल पड़ा था। जब वह रोटी की तलाश में शहर में निकला तो उसने महाराजा रणजीत सिंह के द्वारा करवाई गई मुनादी सुनी कि महाराजा रणजीत सिंह गरीबों के लिए मुफ्त में अनाज बंटवा रहे हैं। जब उसने ये बात अपने बाबा को सुनाई तो बाबा को अनाज मुफ्त मिलने की बात पर विश्वास नहीं हुआ।
उन दिनों लाहौर शहर में भयंकर अकाल पड़ा हुआ था। चारों तरफ अकाल का शोर मचा हुआ था। लगातार ढाई साल से वर्षा नहीं हुई थी और अकाल के कारण सब भूखे मर रहे थे। ऐसी स्थिति में जब बाबा को अपने बेटे के मुख से यह बात सुनकर कि महाराजा रणजीत सिंह ने अनाज मुफ्त बांटने की मुनादी कराई है तो बाबा को इस बात पर विश्वास नहीं हुआ। लेकिन बेटे द्वारा बार-बार विश्वासपूर्वक कहने पर उन्होंने बात पर विश्वास किया और दोनों चादर लेकर अनाज लेने के लिए महाराजा के महल की ओर चल पड़े।
संदर्भ पाठ
राजा (पाठ-6, कक्षा-7 हिंदी पाठमाला अभिव्यक्ति)