मैडम क्यूरी को भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार 1903 में प्राप्त हुआ था। मैडम क्यूरी को 1903 में अपने पति की पियरे क्यूरी के साथ भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। मैडम क्यूरी 1911 में दूसरी बार रसायन विज्ञान में नोबेल पुरुस्कार भी मिला।
मैडम क्यूरी को 1903 में अपने पति पियरे क्यूरी के साथ रेडियोधर्मिता की खोज के लिए भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ था। 1903 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार क्यूरी दंपत्ति और हेनरी बेकेरल को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था। मैडम क्यूरी ने अपने पति पियरे क्यूरी के साथ मिलकर रेडियधर्मिता की खोज की थी। उन्होंने रेडियम नामक एक नए तत्व की खोज भी की और उसके परमाणु भार का पता भी लगाया था। उनकी इन्हीं उल्लेखनीय खोजों के लिए उन्हें 1903 का भौतिक का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
मैडम क्यूरी को 1911 में दूसरी बार रसायन विज्ञान में नोबेल उसका पुरस्कार प्राप्त हुआ ,जब उन्हें रेडियोएक्टिविटी पर अपने मौलिक अनुसंधान के लिए 1911 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ।
मैडम क्यूरी नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला थीं और दो बार नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली एकमात्र महिला हैं।
मैडम क्यूरी का पूरा नाम मैरी स्कोलोडोस्का (Marie Skłodowska) था। उनका उनका जन्म 7 नवंबर 1867 को पोलैंड में हुआ। पोलैंड उस समय रूसी साम्राज्य का एक हिस्सा था।
पोलैंड में जन्म होने के बाद और आरंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद वह फ्रांस में शिफ्ट हो गई जहां पर उन्होंने भौतिक विज्ञान में अनेक शोध कार्य किया। वहीं पर पियरे क्यूरी के साथ उनकी मुलाकात हुई। जिनके साथ उन्होंने विवाह किया और मैरी क्यूरी के नाम से जानी जानें लगीं। 1903 मे नोबेल प्राइज मिलने के बाद उन्हे सम्मानपूर्वक मैरी क्यूरी से मैडम क्यूरी के नाम से जाना जाने लगा।
4 जुलाई 1934 को उनका निधन फ्रांस मे हुआ।
इस तरह मैडम क्यूरी न केवल नोबल पुरुस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला हैं बल्कि दो बार नोबेल दो अलग-अलग क्षेत्रों में पुरुस्कार प्राप्त करने वाली एकमात्र महिला भी हैं।