‘तानाशाह’ को हिंदी में ‘अधिनायक’ कहते हैं।
तानाशाह शब्द मूलतः विदेशज शब्द है, जो हिंदी में अरबी-फारसी जैसी भाषाओं से आया है। शुद्ध हिंदी में तानाशाह को ‘अधिनायक’ कहा जाएगा।
तानाशाह या अधिनायक अंग्रेजी के डिक्टेटर (Dictator) शब्द का रूपांतरण है। तानाशाह जिस शासन व्यवस्था को चलाता है उसे तानाशाही कहा जाता है। हिंदी में से ‘तानाशाही’ को ‘अधिनायकवाद’ कहते हैं।
तानाशाह या अधिनायक से तात्पर्य उस व्यक्ति से होता है जो प्रचलित शासन के सिद्धांतों से ऊपर जाकर अपनी मनमर्जी के मुताबिक शासन करना चाहता है या करता है। इसके लिए वह शक्ति अर्थात डंडे के आधार पर शासन चलने का प्रयास करता है।
तानाशाह केवल अपनी इच्छा और अपने बनाए नियम कानून ही अपनी प्रजा यानी जनता पर थोपना चाहता है। यदि संबंधित राज्य में पहले से संविधान और कानून हैं और तानाशाह के सत्ता में आने के बाद उसे वह कानून अपने अनुरूप नही लगते तो वह उन कानूनों को नहीं मानता है और उन्हें बदलकर अपने नियम-कानून स्थापित करता है।
तानाशाह जरूरी नहीं कि केवल विशेष व्यक्ति ही हो। थोड़े सा लोगों का समूह भी अपना इतना वर्चस्व स्थापित कर लेता है कि वह अपने बनाए नियम-कानूनों के अनुसार ही शासन चलाना चाहता है।
अफगानिस्तान में तालिबान का शासन इसी तरह का एक उदाहरण है। तालिबान में केवल एक व्यक्ति ही सर्वेसर्वा नही है बल्कि कई लोगों को समूह अफगानिस्तान पर तानाशाह के रूप में कार्य कर रहा है।
तानाशाही का इतिहास काफी पुराना है। तानाशाही राजतंत्र से लेकर लोकतंत्र दोनों व्यवस्थाओं में प्रचलित रही है। पुराने समय में राजतंत्र में कई ऐसे राजा होते थे जो केवल अपनी मनमर्जी के मुताबिक ही शासन करते थे। वह अपनी प्रजा पर अत्याचार करते थे। अपनी मर्जी के मुताबिक नियम-कानून बनाते थे। इस तरह की शासन प्रणाली भी एक तरह की तानाशाही ही। थी।
वर्तमान समय में कई देशों में लोकतंत्र होने के बावजूद और लोकतांत्रिक व्यवस्था के द्वारा चुने गए शासक कभी-कभी अपना इतना अधिक वर्चस्व स्थापित कर लेते हैं कि वह इस स्वयं को सर्वे-सर्वा समझने लगते हैं और अपनी मनमर्जी के मुताबिक शासन स्थापित करने का प्रयत्न करते हैं, तब वह तानाशाह बन जाते हैं