अमेरिका में अध्ययन के दौरान जयप्रकाश नारायण को अनेक तरह के संघर्ष करने पड़े थे।
जब जयप्रकाश नारायण अमेरिका गए तो उन्हें अपने पढ़ाई के साथ-साथ अपनी आजीविका चलाने के लिए छोटे-मोटे हर तरह के काम करने पड़ते थे। उन्होंने वहां के बागानों में श्रम किया। वहाँ के कल-कारखानों में भी श्रमिक के तौर पर काम किया। उन्होंने बूचड़खाना में भी काम किया। इस तरह छोटे-मोटे काम करके वह इतनी कमाई अवश्य कर लेते थे कि उनका अमेरिका में रहने का खर्चा चल जाए। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए फीस की भी आवश्यकता होती थी और अपने रहने के लिए खर्चे की भी आवश्यकता होती थी।
इसलिए इन छोटे-मोटे काम के अलावा वे एक घंटा किसी रेस्त्रां या होटल में बर्तन धोने का अथवा वेटर का कार्य भी करते थे ताकि उन्हें पर शाम का भोजन मिल जाए। जिस जगह पर वे रहते थे, वहां पर केवल एक ही चारपाई थी जिस पर उनके साथ एक लड़का रहता था और दोनों एक ही एक ही रजाई से काम चलाते थे। वे रविवार और छुट्टी के दिनों में किसी होटल में अतिरिक्त कार्य भी करते थे ताकि उनकी अतिरिक्त कमाई हो जाए। इस तरह उन्होंने वहाँ किसी तरह संघर्ष करते हुए बी.ए. पास किया और उनकी पढ़ाई आसान हो गई।
Other questions
‘सर्वत्र एक अपूर्व युग का हो रहा संचार है’ से क्या तात्पर्य है?