महापुरुषों के प्रति हमारे अनेक कर्तव्य होते हैं, जिनको हमें निभाना चाहिए।
- हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम उन महापुरुषों द्वारा स्थापित किए गए आदर्श का पालन करें और उनके पद चिन्हों पर चलें।
- महापुरुषों ने अपने जीवन काल में जो भी अच्छे कार्य किये, हम उन अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाएं और उन कार्यों के प्रभाव को व्यर्थ न जाने दें।
- जो भी हमारे महापुरुष रहे, उन्होंने जो भी अच्छे कार्य किये, उनको याद करते हुए उनकी जयंती या पुण्यतिथि पर केवल उनको याद करके फूलमाला चढ़ाना ही अपने कर्तव्य की इतिश्री न समझ लें बल्कि हम महापुरुषों के सिद्धांतों को भी अपने जीवन में उतरें, उन सिद्धांतों का पालन करें।
- हम अपने महापुरुषों को भूल नहीं जाएं और सदैव उनका स्मरण करते रहें और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों को याद रखें ताकि हमें भी उनसे प्रेरणा मिले।
- हम महापुरुषों के जीवन को अपने जीवन में एक प्रेरणा के रूप में ग्रहण करें और उनसे प्रेरणा लेते हुए हम भी महापुरुषों जैसा ही बनने का प्रयत्न करें।
इस तरह महापुरुषों के प्रति हमारे अनेक कर्तव्य बनते हैं।