वृत्तांत लेखन
महाबलेश्वर के बारे यात्रा वृत्तांत
मैं हाल ही में अपने परिवार के साथ महाबलेश्वर घूमने गया था। मैंने वहाँ के बारे में सुना था कि वह एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है लेकिन वह खूबसूरत नहीं बल्कि बेहद ही खूबसूरत है । इसकी खूबसूरती शब्दों में बयान नहीं की जा सकती। मैं यहाँ पर बहुत सी जगहों पर घुमा,
महाबलेश्वर का सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर : महाराष्ट्र के महाबलेश्वर शहर से 6 कि.मी दूर महाबलेश्वर मंदिर स्थित है। महाबलेश्वर मंदिर अति प्राचीन मंदिरो में से एक है। मंदिर के अंदर 500 साल पुराने स्वयंभू लिंगम हैं जिन्हें महालिंगम कहा जाता है। यह शिवलिंग रुद्राक्ष के आकार में है और यह स्थान बारह ज्योतिर्लिंगों में श्रेष्ठ माना जाता है। इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण शिव लिंगम है जो 6 फीट लंबा है ।
पंचगंगा नामक मंदिर : भी महाबलेश्वर में महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है, जिसका आध्यात्मिक महत्व सर्वोपरि है । मंदिर ठीक उसी बिंदु पर स्थित है जहाँ पाँच नदियाँ कृष्णा, सावित्री, कोयना, वीणा और गायत्री अपना जल मिलाती हैं ।
ऐलिफेंट हेड : इसकी समुन्द्र तल से ऊचाई लगभग 4067 फुट है। यहाँ एक पहाड़ी है जो प्राकृतिक रूप से हाथी के सिर की तरह दिखाई देती है । जिस के कारण इसे ऐलिफेंट हेड के नाम से भी जाना जाता है । यहां से सामने स्थित दूर तक फैली कोयना घाटी के सुंदर दृश्य दिखाई देते है । जो पर्यटकों को अपना दिवाना बना देते है ।
मंकी प्वाइंट : यहाँ पर प्राकृतिक रूप से पत्थर पर बनी बंदर की तीन मूर्तियाँ है । जो गांधी जी के तीन बंदरों को चित्रित करते है । इसलिए इस स्थान का नाम मंकी प्वाइंट है ।
पुराना महाबलेश्वर : पुराने महाबलेश्वर में महादेव के प्राचीन मंदिर में नंदी के मुख से निकलने वाली धारा से कृष्ण नदी बनकर निकलती है । कहा जाता है कि सावित्री ने तीनों महादेव ब्रह्मा विष्णु और महेश को नदी हो जाने का श्राप दिया था । इसलिए विष्णु कृष्ण नदी बन गए और शिव वेन्ना नदी तथा ब्रह्मा कोयना नदी बन गए । इसलिए यहाँ के दर्शनीय स्थल में पुराने महाबलेश्वर का मुख्य स्थान है।
कृष्ण मंदिर महाबलेश्वर : कृष्ण मंदिर पुराने महाबलेश्वर में स्थित है । इस मंदिर को पंचगना के नाम से भी जाना जाता है । क्योंकि यहां पांच नदिया कृष्ण कोयना वेन्ना गायत्री तथा सावित्री बहती है । यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है ।
लिंगमाला झरने : यह खूबसूरत झरने महाबलेश्वर के करीब में ही स्थित है यहां पानी 600 फिट की ऊचांई से गिरता है यह शीतल जल वेन्ना लेक में गिरता है । ऊंचाई से गिरते पानी के दृश्य काफी मनोहारी दिखाई पड़ते है ।
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