आपने अमरकंटक की यात्रा की है। अमरकंटक के सुंदर दृश्य का वर्णन करते हुए पत्र आप अपने मित्र को लिखें।

अनौपचारिक पत्र

अमरकंटक की यात्रा के संबंध में मित्र को पत्र

दिनांक : 4 मार्च 2024

 

कोठी नं. 10, गणेश भवन,
बिहार शरीफ,
पटना-800001

प्रिय मित्र आयुष,

आशा करता हूँ तुम अपने परिवार के साथ स्वस्थ होंगे। मैं पिछले महीने अपने बड़े भाई के साथ अमरकंटक की यात्रा पर गया था। मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले का एक सुंदर और भव्य तीर्थस्थल है और यह समुद्र तल से तकरीबन 1065 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।

अमरकंटक चारों तरफ टीक और महुआ पेड़ों से घिरा हुआ है और यहीं से नर्मदा और सोन नदी की उत्पत्ति होती है। अमरकंटक के झरने, ऊंची पहाड़ियाँ, पवित्र तालाब और शीतल और शांत वातावरण सबको मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

अमरकंटक के बारे में मैंने यह भी जाना कि प्रभु शिव भगवान की पुत्री नर्मदा जीवनदायिनी के रूप में यहाँ से बहती है। अमरकंटक अनेकों आयुर्वेदिक पौधों के लिए भी मशहूर है , जोकि मनुष्य जीवन के लिए संजीवनी का काम करती हैं। इसके अलावा मैंने अमरकंटक में बहुत से रमणीय स्थलों का भी भ्रमण किया जिनमें नर्मदाकुंड, धुनि पानी, दूधधारा, कल्चुरी काल मंदिर, सोनमुड़ा, माँ की बगिया, कपिलधारा, कबीर चबूतरा, सर्वोदय जैन मंदिर, श्री ज्वालेश्वर महादेव मंदिर मुख्य हैं।

मेरी अमरकंटक की यात्रा एक अद्भुत अनुभव था और मैंने इस यात्रा के दौरान प्राचीनकाल में मनुष्य की अनेकों जीवनशैलियों के बारे में ज्ञान हासिल किया।

मित्र, कभी भी मौका मिले तो तुम भी अमरकंटक की यात्रा ज़रूर करना क्योंकि जो सुख और शांति मुझे ऐसे धार्मिक स्थल पर मिली वो मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। बाकी सब ठीक है और मैं बस अब छुट्टियाँ खत्म होने का इंतज़ार कर रहा हूँ ताकि मैं छात्रावास आकार तुमसे मिल सकूँ और अमरकंटक के बारे में तुम्हें सब कुछ बताऊँ। अपने माता-पिता जी को मेरा प्रणाम कहना।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
अनुभव यादव


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