व्यवहारिकता की तुलना लेखक ने सोने और ताँबे के संदर्भ में क्यों की है। गांधीजी को केंद्र में रखकर लेखक क्या स्पष्ट करना चाहते है?

व्यवहारिकता की तुलना में लेखक ने सोने और ताँबे के संदर्भ में इसलिए ही है, क्योंकि ताँबे का अकेले में इतना अधिक मूल्य नहीं होता, लेकिन यदि ताँबे में सोने को मिला दिया जाए तो ताँबे का मूल्य बढ़ जाता है।  गांधीजी व्यवहारिकता का मूल्य जानते थे। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के आदर्शों पर चलकर अपने आदर्शों को एक नई ऊंचाई प्रदान की थी, लेकिन वह व्यावहारिकता का भी उतना ही महत्व जानते थे। इसीलिए उन्होंने अपने व्यवहार में अपने विलक्षण आदर्शों को मिला दिया और अपने आदर्शों को व्यवहार के स्वर पर उतरने दिया। इस तरह उन्होंने अपने आदर्शों को अपने व्यवहार में थोड़ा सा मिलाकर अपने व्यवहार का मूल्य बढ़ा दिया था। इसीलिए लेखक ने गांधीजी को केंद्र में रखकर यह बात स्पष्ट करने की कोशिश की है।

संदर्भ पाठ

झेन की देन (रविंद्र केलकर) कक्षा-10 पाठ-18 हिंदी स्पर्श


Other questions

‘प्रकृति हमारी शिक्षक है।’ स्पष्ट कीजिए।​

धरती स्वर्ग समान’ कविता में कवि ने धरती को स्वर्ग बनाने की संभावनाओं के प्रति आशावादी दृष्टिकोण अपनाया है। – स्पष्ट कीजिए।

Chapter & Author Related Questions

Subject Related Questions

Recent Questions

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here