औपचारिक पत्र
भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को पत्र
दिनांक : 12/02/2024
प्रमुख निजी सचिव,
शिक्षा मंत्री,
भारत सरकार,
नई दिल्ली-110018,
सेवा में,
माननीय शिक्षा मंत्री,
हिमाचल सरकार,
राज्य सचिवालय, शिमला-171002
विषय : रैंगिग को रोकने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश व सुझाव ।
माननीय मंत्री जी,
जैसा कि आप जानते ही है कि कॉलेज में रैगिंग एक विकट समस्या है और इसे रोकने के लिए भारत सरकार निरंतर कठोर कदम उठाती आ रही है। लेकिन अभी भी इस रैगिंग रूपी राक्षस पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगाई जा सकी है।
पिछले ही महीने आपके ही राज्य में एक 21 वर्षीय छात्र ने इस रैगिंग से तंग आकर ख़ुदकुशी कर ली थी। केंद्र सरकार ने ऐसी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाने को कहा है और जिस राज्य में भविष्य में कोई ऐसी घटना संज्ञान में आएगी, उस राज्य सरकार पर कानून के माध्यम से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जहाँ तक छात्रों का परिचय लेने तक की बात है, सब ठीक है लेकिन अगर यह शारीरिक यातना तक पहुँच जाए तो यह मुद्दा अत्यंत निंदनीय और सोचनीय है। एक स्वच्छ समाज में ऐसी हरकतें सारे देश की छवि को धूमिल करती हैं। इस तरह की अवांछित घटनाओं लगाम लगाना बहुत अनिवार्य हो गया है।
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए आदेशों के मुताबिक, अगर कोई भी विद्यार्थी किसी नये छात्र को रैगिंग के नाम पर तंग करता पाया जाए तो उसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएँ और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे विद्यार्थी को किसी अन्य महाविद्याल्य में प्रवेश भी न मिल सके। केंद्र सरकार ने ऐसे असामाजिक तत्वों के लिए जेल भेजने के भी नए नियमों को अपनी मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार सारे राज्यों की सरकाओं से यह आग्रह करती है कि महाविद्यालयों में इस संदर्भ में जागरूकता सत्रों का आयोजन करे और ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को इस बावत सूचित करे कि अगर वो रैगिंग जैसी किसी भी गतिविधि में शामिल होंगे तो उनके भविष्य पर पूर्ण विराम लगना निश्चित है।
इस पत्र के माध्यम से आप से अनुरोध है कि इस अमानवीय प्रथा को रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त कदम उठाने के निर्देश दें और इस बावत तिमाही रिपोर्ट अधोरेखित को भेजने की कृपा करें।
धन्यवाद
भवदीय,
राकेश सिन्हा
(निजी सचिव) शिक्षा मंत्री (भारत सरकार)
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