वामीरो की आँखों के सामने तताँरा के चेहरे का कौन सा रूप सामने आता था? (तताँरा वामीरो की कथा)

‘तताँरा वामीरो की कथा’ में वामीरो की आँखों के सामने तताँरा का याचना भरा चेहरा सामने आ जाता था।

जब वामीरो और तताँरा दोनों की प्रथम मुलाकात हुई, तो तताँरा द्वारा वामीरो से नाम पूछने पर वामीरो उसे झिड़कती हुई चली आई थी, लेकिन घर पर आने के बाद भी उसके सामने तताँरा का याचना भरा चेहरा सामने आ जाता था।

वामीरो ने तताँरा के बारे में काफी कुछ सुन रखा था। तताँरा के बारे में बातें सुन-सुन कर उसने अपनी कल्पना में एक अद्भुत साहसी युवक की छवि गढ़ रखी थी, लेकिन जब वामीरो ने तताँरा को उसके वास्तविक रूप में अपने सामने देखा तो उसने तताँरा में एक सुंदर बलिष्ठ और बेहद शांत तथा सभ्य युवक का रूप पाया। वामीरो ने अपनी कल्पना में अपने भावी जीवन साथी के विषय में जो सोच रखा था, तताँरा उसकी कल्पना से काफी मेल खाता था।

संदर्भ पाठ :

‘तताँरा-वामीरो की कथा’ कहानी ‘लीलाधर मंडलोई’ द्वारा लिखी गई एक कहानी है, जिसमें उन्होंने तताँरा और वामीरो नामक दो युवक-युवती की प्रेम कथा का वर्णन किया है। यह दोनों युवक-युवती निकोबार द्वीप समूह के दो अलग-अलग गाँवों ‘पासा’ और ‘लपाती’ के निवासी थे।


Other questions

तताँरा-वामीरो कथा ने किस पुरानी प्रथा का अंत किया?

किस सामाजिक बुराई के कारण तताँरा तथा वामीरो का संबंध सफल नहीं हो सका था? (तताँरा-वामीरो की कथा)

Chapter & Author Related Questions

Subject Related Questions

Recent Questions

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here