सुनीता खेलने जा रही है। इस वाक्य को हम भूतकाल के विभिन्न भेदों में बदलते हैं। भूतकाल के भेद को उनका उपभेद कहा जाता है।
भूतकाल के कुल 6 उपभेद होते हैं, जोकि इस प्रकार हैं…
- सामान्य भूतकाल
- आसान्न भूतकाल
- पूर्ण भूतकाल
- अपूर्ण भूतकाल
- संदिग्ध भूतकाल
- हेतु-हेतु मद भूतकाल
अब हम दिए गए वाक्य को भूतकाल के सभी भेदों में बदलते हैं।
‘सुनीता खेलने जा रही है।’ यह वाक्य अपूर्ण वर्तमान काल में है। इस वाक्य को भूतकाल के विभिन्न छः उपभेदों में बदलने पर सभी 6 वाक्य इस प्रकार होंगे।
मूल वाक्य : सुनीता खेलने जा रही है।
सामान्य भूतकाल : सुनीता खेलने गई।
आसन्न भूतकाल : सुनीता खेलने गई है।
पूर्ण भूतकाल : सुनीता खेलने जा चुकी थी।
अपूर्ण भूतकाल : सुनीता खेलने जा रही थी।
संदिग्ध भूतकाल : सुनीता खेलने गई होगी।
हेतु-हेतु मद भूतकाल : अगर कोई बुलाता तो सुनीता खेलने जाती।
इस तरह वर्तमान काल के वाक्य को हमने भूतकाल के सभी उपभेदों में बदल दिया।
भूतकाल के विभिन्न भेद
भूतकाल के जो छः उपभेद होते हैं, उनमें…
सामान्य भूतकाल में बीते समय में हुए कार्य का बोध होता है, लेकिन समय का पता नहीं चलता। बस इतना बोध होता है कि बीते हुए समय में कोई कार्य संपन्न हुआ था।
आसन्न भूतकाल में भूतकाल में कोई कार्य संपन्न होने का बोध इस तरह होता है, जैसे लगता है कि कार्य अभी समाप्त हुआ है।
पूर्ण भूतकाल में कोई भी कार्य बीते हुए समय में पूर्ण रूप से संपन्न होने का बोध होता है।
अपूर्ण भूतकाल में किसी कार्य के बीते हुए समय में चलते रहने का बोध होता है लेकिन भूतकाल में जो कार्य चल रहा था, वह पूर्ण नहीं हुआ था या हो चुका था, इसका कोई भी विवरण नहीं।
संदिग्ध भूतकाल में हुए किसी कार्य के होने पर संदेह का बोध होता है।
हेतु-हेतु मद भूतकाल मे किसी कारण पर आधारित कोई कार्य भूतकाल में संपन्न होता है।
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