‘भगत सिंह देश के लिए शहीद हुए।’ इस वाक्य में ‘कारक भेद’ इस प्रकार होगा :
वाक्य : भगत सिंह देश के लिए शहीद हुए।
कारक भेद : संप्रदान कारक
स्पष्टीकरण
‘भगत सिंह देश के लिए शहीद हुए।’ इस वाक्य में ‘संप्रदान कारक’ इसलिए होगा, क्योंकि इसमें किसी अन्य के लिए कार्य करने का बोध हो रहा है। किसी वाक्य में संप्रदान कारक वहाँ होता है, जब किसी के लिए क्रिया संपन्न करने का बोध होता हो। इस वाक्य में भगत सिंह द्वारा देश के लिए शहीद होने की क्रिया संपन्न होने का बोध हो रहा है, इसलिए यहाँ पर ‘संप्रदान कारक’ होगा।
संप्रदान कारक
‘संप्रदान कारक’ की परिभाषा के अनुसार जब वाक्य में किसी संज्ञा, सर्वनाम द्वारा किसी अन्य के लिए क्रिया करने का बोध होता है, तो यह क्रिया जिस विभिक्त चिन्ह द्वारा दर्शाई जाती है, वह ‘संप्रदान कारक’ कहलाता है। संप्रदान कारक में देने का बोध होता है अर्थात कर्ता किसी दूसरे के लिए कार्य करता है या उसे कुछ प्रदान करता है। संप्रदान कारक ‘को’ अथवा ‘के लिए’ इन विभक्ति चिन्हों के माध्यम से प्रकट किया जाता है। संप्रदान कारक के कुछ उदाहरण : तुम रसोई में जाओ और मेरे लिए खाना लाओ। पिता बच्चे के लिए खिलौना लाया। मालिक नौकर को दस हजार तनख्वाह देता है।
कारक क्या हैं?
कारक से तात्पर्य उन परसर्ग चिन्हों से होता है, जो किसी वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा शब्द का संबंध अन्य शब्दों के साथ कराते हैं।
कारक आठ प्रकार के होते हैं :
1. कर्ता कारक
2. कर्म कारक
3. करण कारक
4. अधिकरण कारक
5. अपादान कारक
6. संप्रदान कारक
7. संबंध कारक
8. संबोधन कारक
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