कोयला खान से निकलता है, इसमें कारक भेद इस प्रकार होगा।
वाक्य : कोयला खान से निकलता है।
कारक भेद : अपादान कारक
स्पष्टीकरण :
‘कोयला खान से निकलता है।’ इस वाक्य में ‘अपादान कारक’ इसलिए होगा, क्योंकि वाक्य के माध्यम से किसी एक वस्तु का दूसरी वस्तु से अलग होने का बोध हो रहा है। उपरोक्त वाक्य में ‘कोयला’ ‘खान’ से अलग हो रहा है, इसलिए यहां पर ‘अपादान कारक’ होगा।
अपादान कारक
‘अपादान कारक’ की परिभाषा के अनुसार किसी संज्ञा के जिस रूप से एक वस्तु के दूसरी वस्तु से अलग होने का बोध होता हो, वहाँ पर ‘अपादान कारक’ होता है।
जैसे…
- गंगा गंगोत्री से निकलती है।
- बच्चा पेड़ से गिर पड़ा।
- राजू घर से बाहर निकला।
- वृक्ष से पत्ते झड़ने लगे।
कारक की परिभाषा
हिंदी व्याकरण में कारक परसर्ग चिन्हों को कहते हैं, जिनके माध्यम से संज्ञा या सर्वनाम का वाक्य के अनुसार शब्दों के साथ संबंध का बोध होता है।
हिंदी व्याकरण में कारक आठ प्रकार के होते हैं।
- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- अधिकरण कारक
- अपादान कारक
- संप्रदान कारक
- संबंध कारक
- संबोधन कारक