‘स्थितोस्ति’ शब्द का संधि-विच्छेद
स्थितोस्ति : स्थितः + अस्ति
संधि भेद : विसर्ग संधि
संधि का नियम :
‘स्थितोस्ति’ में विसर्ग संधि है। ‘विसर्ग संधि’ के नियम के अनुसार जब विसर्ग हो विसर्ग से ‘त’ वर्ण पहले और बाद में ‘अ’ स्वर हो तो वह विसर्ग ‘ओ’ बन जाता है। यहाँ पर भी यही नियम लागू हो रहा है। पहले शब्द में विसर्ग (:) से पहले ‘त’ वर्ण है, और दूसरे शब्द का प्रथम वर्ण एक स्वर ‘अ’ है। इसलिए विसर्ग का लोप होकर वह ‘ओ’ बन गया है।
अन्य उदाहरण..
मनः + अनुकूल : मनोनुकूल
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