अमित की प्रतिक्रिया उसके आत्मविश्वास ही स्वभाव को दर्शाती है। अमित को पता था कि उसने अपना पेपर ठीक किया है, लेकिन आशा के अनुरूप उसे नंबर ना मिलने पर वह दुखी व उदास मन से घर आता है। वह अपनी माँ से गुस्से में कहता है कि उसने पहले ही कहा था कि उसकी ट्यूशन लगवा दो। बिना ट्यूशन के उसे कम नंबर मिलेंगे। उसे मालूम था कि उसने पर्चा अच्छा किया है लेकिन फिर भी उसकी कक्षा के गणित के अध्यापक उसे ट्यूशन की जबरदस्ती करते थे और ट्यूशन ना लेने पर नंबर कम आने की धमकी देते थे और ऐसा ही हुआ भी । इसीलिए उसने ऐसी प्रतिक्रिया दी। यह उसके आत्मविश्वास और विरोध दोनों की मिली जुली प्रतिक्रिया थी।
‘रजनी’ पाठ में अमित रजनी की सहेली लीला का बेटा था। अमित मेधावी छात्र था। जब अमित के परीक्षा में गणित विषय में कम आए तो रजनी ने उसके विद्यालय में जाकर प्रधानाचार्य से इसका विरोध प्रकट किया और उसकी उत्तर पुस्तिका देखने की मांग की। प्रधानाचार्य उत्तर पुस्तिका दिखाने से मना कर दिया। रजनी ट्यूशन प्रथा के विरोध में आवाज उठाती है और वह इसके लिए प्रेस की भी सहायता लेती है। अंत में स्कूल का बोर्ड उसकी मांग के आगे झुक जाता है और अध्यापकों द्वारा छात्रों पर जबरदस्ती ट्यूशन लगाने के खिलाफ सख्त नियम बना देता है।
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