रेडियो नाटक में पात्रों की संख्या निर्धारण कैसे किया जाता है ?

रेडियो नाटक में पात्रों की संख्या का निर्धारण करते समय यह ध्यान रखा जाता है कि पात्रों की संख्या बहुत अधिक नहीं हो। किसी भी रेडियो नाटक में पात्रों की संख्या अधिकतम लगभग 5 या 6 ही रखी जाती है। पात्रों की संख्या 5 या 6 रखे जाने का मुख्य कारण यह होता है कि अधिक संख्या में प्राप्त होने पर श्रोता भ्रमित हो सकते हैं। रेडियो नाटक केवल सुना जाता है और रेडियो नाटक को सुनने वाला श्रोता अपनी क्षमता के आधार पर ही पात्रों को याद रख पाता है।

यदि रेडियो नाटक में बहुत अधिक संख्या में पात्र होंगे तो श्रोता सभी पात्रों को याद नहीं रख पाएगा। कम पात्रों के होने पर श्रोता पात्रों को ठीक-ठाक से याद रख पाता है और उसे नाटक में भी आनंद आता है। जब तक श्रोता पात्र को सही से समझ नहीं पाएगा उसे पात्रों के नाम याद नहीं होंगे, उसे नाटक में भी आनंद नहीं आएगा और ना ही नाटक की कथावस्तु से समझ में आएगी। इसलिए रेडियो नाटक में पात्रों की संख्या तथा इसकी अवधि दोनों सीमित रखे जाते हैं ताकि श्रोता पात्रों को अच्छे से याद कर नाटक का भरपूर आनंद ले सके बल्कि सही समय पर नाटक समाप्त हो जाए और श्रोता बोर नहीं हो।


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