पराक्रम का समास विग्रह इस प्रकार होगा…
पराक्रम : परम है जो कर्म
समास भेद : कर्मधारण्य समास होता है ।
स्पष्टीकरण
‘पराक्रम’ मे ‘कर्मधारण्य समास’ इसलिए होगा क्योंकि इस समास में पहला पद एक विशेषण की तरह कार्य कर रहा है तथा दूसरा पद पहले पद का विशेष्य है। पहला पद ‘परम’ है जो ‘कर्म’ पद के लिए एक विशेषण का कार्य कर रहा है।
पराक्रम का अर्थ
पराक्रम शब्द वीरता से संबंधित शब्द है। ये शब्द वीरता का गुणगान करने के लिए किया जाता है। केवल वीरता ही नहीं बल्कि जब कोई व्यक्ति किसी क्षेत्र में अपना विशिष्टता सिद्ध करता है, और अपने कार्य को करने में अभूतपूर्व प्रदर्शन करता है तो उसे पराक्रमी कहा जाता है। अपने कार्य में अपनी सर्वश्रेष्ठता देना ही पराक्रम है।
जैसे
भारतीय सैनिक चीन के सैनिकों के साथ युद्ध में बेहद पराक्रम से लड़े।
महाराणा प्रताप बेहद पराक्रमी राजा थे।
कर्मधारण्य समास
कर्मधारय समास की परिभाषा के अनुसार कर्मधारय समास में पहला पद एक विशेषण का कार्य करता है तथा दूसरा पद उसका विशेष्य होता है। कर्मधारय समास में पहला पद उपमान तथा दूसरा पर विशेष्य का कार्य करता है।
जैसे
- विश्वव्यापी : विश्व में व्याप्त है जो
- नीलांबर : नीला है जो अंबर
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