‘समय के साथ तोप की स्थिति में बदलाव आ गया।’ समय के साथ-साथ तोप की प्रासंगिकता बिल्कुल खत्म होती गई। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजी सेना द्वारा इस तोप का उपयोग किया जाता था, तब यह तोप की गर्जना लोगों को थर्रा देती थी। इस तोप ने भारत के असंख्य के शूरवीरों को मौत के घाट उतारा था। उस समय तोप की गर्जना से लोग कांप जाते थे, परंतु समय के साथ बदलाव होता गया। अब इस तोप की कोई उपयोगिता नहीं रह गई। अब तो ये तोप कंपनी बाग में प्रदर्शन की वस्तु बनाकर पड़ी रहती है। अब इस तोप से कोई नहीं डरता। तोप पर अू बच्चे खेलते हैं, उस पर सवारी करते हैं। चिड़ियाएं और गौरैयाएं आदि इसके भीतर अपना घोंसला बनाए हुए हैं।
तोप की बदली हुई स्थिति से हमें यह पता चलता है कि शक्तिशाली से शक्तिशाली व्यक्ति को एक न एक कमजोर पड़ना ही होता है, उसकी एक न एक दिन दुर्दशा होनी है।
संदर्भ पाठ
तोप – वीरेन डंगवाल (कक्षा-10 पाठ-7 हिंदी स्पर्श)
Other questions
यदि सरदार पटेल ने रियासतों को भारतीय संघ में न मिलाया होता तो क्या होता?