महानगरों में खुली हवा केवल सुबह घूमते समय ही प्राप्त होती है यह बात काफी हद तक सही है। महानगर में अत्याधिक आबादी होने के कारण अत्यधिक वाहन होते हैं, औद्योगिक इकाइयां हैं, जिस कारण महानगरों में प्रदूषण होना आम समस्या है। महानगरों में स्वच्छ हवा मिलना बेहद मुश्किल कार्य है। खुली हवा सांस लेने के लिए बहुत जरूरी है।
महानगर के लोगों को अगर खुली हवा अगर मिलती भी है तो वह सुबह के समय ही मिलती है। सुबह के बाद महानगरों की गतिविधि चालू हो जाती है, वाहन सड़क पर आ जाते हैं और फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। यह क्रम रात तक चलता रहता है। इसलिए महानगरों में खुली हवा मिल पाना दूर की कौड़ी है। हमारे लिए खुली हवा बेहद आवश्यक है। यह हमारे प्राणों का आधार है। स्वच्छ हवा हमारे सांसो का आधार होती है। हमारे शरीर के लिए ऑक्सीजन बेहद आवश्यक है। अपने आसपास के क्षेत्र को की हवा को प्रदूषण रहित करने में हम अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
- हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का प्रयत्न करना चाहिए। हम जानते हैं कि वृक्ष ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्रोत होते हैं। अधिक से अधिक वृक्ष का मतलब है, अधिक से अधिक ऑक्सीजन अर्थात अधिक से अधिक शुद्ध हवा।
- हमें वाहनों के प्रयोग पर भी नियंत्रण स्थापित करना चाहिए। हमें यह प्रयत्न करना चाहिए कि जितना संभव हो सके, हम निजी वाहनों का प्रयोग करने से बचें और कहीं आने जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें। इससे सड़क पर वाहन कम संख्या में उतरेंगे और प्रदूषण भी कम होगा।
- धूम्रपान जैसी आदतों को छोड़ देने से भी हवा को प्रदूषण रहित करने में सहायता मिलेगी।
- औद्योगिक इकाईयों द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार को प्रदूषण के मानक तय करने होंगे। अधिक प्रदूषण उत्पन्न करने वाली इकाईयों को बंद करना होगा।
- हमें ईधन के वैसे वैकल्पिक साधन प्रयोग में लाने होंगे जो प्रदूषण नहीं करते हों। जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, इलेक्ट्रिक चूल्हा इत्यादि।
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