प्लास्टिक के खतरों से बचने के लिए उपाय
हम सभी जानते हैं कि प्लास्टिक हमारे पर्यावरण का का सबसे बड़ा दुश्मन है। पर्यावरण यह हमारे जीवन का आधार है, इसलिए प्लास्टिक हमारा भी दुश्मन है। प्लास्टिक के अविष्कार के समय यह पदार्थ बड़ा उपयोगी लगा था, इसीलिए इसको अत्याधिक लोकप्रियता मिलती गई, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ प्लास्टिक के दुष्प्रभाव भी समझ में आने लगे। अब हम सबको समझ में आ चुका है कि प्लास्टिक जितना उपयोगी है, उससे अधिक खतरनाक है। आज हमें प्लास्टिक के खतरों से बचने की आवश्यकता है।
प्लास्टिक के खतरों से बचने के लिए हम निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं…
- प्लास्टिक के खतरों से बचने के लिए सबसे पहले हमें प्लास्टिक के कम से कम उपयोग का संकल्प लेना होगा।
- प्लास्टिक हमारे रोजमर्रा के जीवन में इतना अधिक घुल-मिल गया है कि हमारे दैनिक जीवन की बहुत सी वस्तुएं प्लास्टिक से बनी हुई होती हैं। हमें उन वस्तुओं का त्याग करना होगा और ऐसे वैकल्पिक पदार्थों से बनी वस्तुओं को अपनाना होगा जो पर्यावरण की हितेषी हो। जैसे कि जूट अथवा कागज अथवा गत्ते आदि से बनी वस्तुएं।
- हमें पॉलिथीन की थैलियों का उपयोग पूरी तरह बंद करना होगा और उसकी जगह जूट अथवा कपड़े से बड़े थैलों का उपयोग करना होगा।
- हमें प्लास्टिक के डिब्बे का उपयोग कम से कम करना होगा और उनकी जगह धातु या लकड़ी या गत्ते के बने डिब्बों का प्रयोग करना होगा।
- यदि दुकानदार हमें प्लास्टिक की थैली अथवा प्लास्टिक के डिब्बे में कोई सामान पैक करके देता है तो हमें उसे ना भूलना होगा। हमें चाहिए कि हम अपने घर से ही कोई थैला अथवा डलिया (बास्केट) लेकर जाएं और उसमें सामान लेकर आएं।
- हमारे जीवन में काम आने वाली अनेक जरूरी वस्तुएं प्लास्टिक से बनी होती हैं। हमें उन सभी प्लास्टिक से बनी वस्तुओं की जगह अन्य वैकल्पिक पदार्थों से बनी वस्तुओं का उपयोग करना होगा।
- हमें धीरे-धीरे प्लास्टिक की वस्तुओं से दूरी बनाकर उनके उपयोग को सीमित करना होगा। जब प्लास्टिक का उपयोग। कम हो जाएगा तो प्लास्टिक की वस्तुओं का बाजार में आना भी बंद हो जाएगा।
इस तरह हम प्लास्टिक के खतरों को कम करने में अपना योगदान दे सकते हैं।