शालाएं देश की प्रगति में इस प्रकार साधक हैं, क्योंकि यह देश के लिए भविष्य के योग्य नागरिक का निर्माण करती हैं। किसी भी देश की प्रगति के लिए यह आवश्यक है कि उस देश के नागरिक योग्य सामर्थ्यवनान और कुशल हों। शालाएं यह कार्य करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वह देश के भविष्य के नागरिकों को तैयार करती हैं।
शालाएं विद्यार्थियों को समर्थ बनती हैं। उनकी प्रतिभा को निखार कर उन्हें कुशल बनाती हैं। यह विद्यार्थी ही देश के भावी कर्णधार होते हैं। उनके हाथ में ही भविष्य में देश की बागडोर आने वाली है। जब यह विद्यार्थी शालाओं के माध्यम से समर्थ बनकर निकलते हैं तो फिर वह अपने-अपने क्षेत्र में अपने कार्यों के माध्यम से देश की प्रगति में अहम योगदान देते हैं। इसीलिए शालाएं देश की प्रगति में साधक है, क्योंकि वह देश के लिए कुशल नागरिकों का निर्माण करती हैं।
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