प्रो. श्रीनिवासन की बात सुनकर अब्दुल कलाम परेशान इसलिए हुए क्योंकि प्रोफेसर श्रीनिवासन ने उन्हें उनके काम से संतुष्ट न होते हुए, उन्हें 3 दिन की समय सीमा दी थी और उन्हें 3 दिन की सीमा के अंदर ही अपना टास्क पूरा करके देना था, नहीं तो उनकी छात्रवृत्ति निरस्त करने की चेतावनी दी थी। छात्रवृत्ति रद्द होने की आशंका के कारण ही कलाम परेशान हुए।
प्रोफेसर श्रीनिवासन उस एमआईटी के डायरेक्टर थे, जहां पर डॉक्टर अब्दुल कलाम शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। एक बार प्रोफेसर श्रीनिवासन ने अब्दुल कलाम को एक विमान डिजाइन करने का प्रोजेक्ट अलॉट किया। डॉक्टर अब्दुल कलाम ने उसे प्रोजेक्ट का मॉडल बनाकर प्रोफेसर श्रीनिवासन के सामने प्रस्तुत किया। श्रीमान प्रोफेसर श्रीनिवासन ने उनके प्रोजेक्ट का मूल्यांकन किया और उसे देखकर वे बेहद निराश हुए। उन्होंने डॉक्टर अब्दुल कलाम से कहा कि वह तीन दिनों के अंदर ही अपना प्रोजेक्ट दोबारा से पूरा करके दें, नहीं तो उनकी छात्रवृत्ति रद्द कर दी जाएगी। फिर डॉक्टर अब्दुल कलाम को तीन दिनों तक लगातार काम करना पड़ा और निर्धारित समय में अपना प्रोजेक्ट पूरा करना पड़ा। डॉक्टर अब्दुल कलाम ने इंजीनियरिंग करने के दौरान दूसरे वर्ष में एअरनॉटिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन चुना था और इसीलिए उन्होंने एमआईटी में दाखिला लिया था।
डॉ. अब्दुल कलाम भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। वह भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं। उन्होंने भारत के मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। डॉ. अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रहे। प्रोफेसर श्रीनिवासन जी जिनका पूरा नाम नटेसन श्रीनिवासन था, वह भारत में विमान डिजाइन और वैमानिक शिक्षा के अग्रणी थे। वह लंबे समय तक एमआईटी के डायरेक्टर भी रहे। इसी एमआईटी संस्थान में डॉक्टर अब्दुल कलाम ने इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की थी।
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