पेड़-पौधों की संख्या वृद्धि के लिए हमें वृक्षारोपण करने की आदत को अपनाना होगा। हम अपने चारों तरफ देख रहे हैं कि पेड़ पौधों की निरंतर कटाई होती जा रही है। विकास के नाम पर ऊँची ऊँची इमारतें बनाने और सड़क, पुल आदि बनाने के नाम पर जिधर देखो, उधर पेड़-पौधों को काटा जा रहा है और बंजर भूमि तैयार की जा रही है, ताकि वहां पर कंक्रीट के जंगल खड़े किए जा सके। इस तरह पेड़-पौधों की संख्या कम होती रही तो हमारा पर्यावरण खतरे में पड़ जाएगा। यदि हमारा पर्यावरण खतरे में पड़ा तो मनुष्य का अस्तित्व भी खतरे में होगा।
अपने अस्तित्व को बचाने के लिए हमें पेड़-पौधों की संख्या को कम होने से बचना होगा। जब पेड़-पौधे रहेंगे तभी ही हमारा भी अस्तित्व रहेगा। इसलिए हमें चाहिए कि हम पेड़-पौधों की संख्या को अधिक से अधिक बढ़ाएं। हम अपने क्षेत्र में वृक्षारोपण के कार्य करके पेड़ पौधों की संख्या को बढ़ा सकते हैं। हमें न केवल वृक्षारोपण करना है, बल्कि वृक्षारोपण करने के बाद उन पौधों की निरंतर देखभाल भी करनी है ताकि वह पौधा अच्छी तरह से विकसित होकर पेड़ का रूप ले सके।
अक्सर ऐसा होता है कि वृक्षारोपण करने वाले एक बार वृक्ष लगाने के बाद दोबारा उस जगह उस पौधे की तरफ नहीं देखते तक नही कि उस पौधे का क्या हुआ? पर्याप्त देखभाल के अभाव में वह पौधा सूख जाता है और वृक्षारोपण करने का औचित्य ही व्यर्थ हो जाता है, इसलिए हमें चाहिए कि हम न केवल केवल वृक्षारोपण करें बल्कि उन पेड़-पौधों की निरंतर देखभाल भी करें।
हमें अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए कि वह पेड़ों को नहीं काटे और अधिक से अधिक वृक्ष लगाए। हमें अपने शहर में, अपने गाँव में, अपने कस्बे में हरियाली को निरंतर बढ़ाने के लिए न केवल खुद प्रयास करने चाहिए बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना होगाा। इस तरह के प्रयासों से हम पेड़-पौधों की संख्या को निरंतर बढ़ा सकते हैं।
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