तोमोए में में पेड़ और बच्चे से जुड़ी एक परंपरा यह थी कि तोमोए में हर बच्चा एक पेड़ को अपनी खुद की संपत्ति मानता था। वहाँ का हर बच्चा बाग के किसी एक पेड़ को अपनी संपत्ति मानकर उस पर खुद के चढ़ना का पेड़ मानता था यानी वह उस पेड़ पर केवल वह ही चढ़ सकता था।
हर बच्चे को अपना एक पेड़ स्वयं की संपत्ति के रूप में चुने की परंपरा थी। हर बच्चा उस पेड़ को अपनी निजी संपत्ति मानता था और वह अपने पेड़ पर चढ़ने के अलावा किसी दूसरे पेड़ पर नहीं चढ़ता था। यदि उसे किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ना होता था तो उसे पहले उसे पेड़ के बच्चे से बेहद शिष्टतापूर्वक पूछना पड़ता था कि ‘माफ कीजिए, क्या मैं अंदर आऊं’ यानी क्या वह उसके पेड़ पर चढ़ जाए।
‘अपूर्व अनुभव‘ पाठ जापानी लेखक तेत्सुको कुरियानागी द्वारा लिखा गया पाठ है इसमें यासुकी चान नाम के बालक का वर्णन है, जिसके पैरों में पोलियो है।
पोलियो होने के कारण वह किसी पेड़ पर नही चढ़ सकता था इसलिए वह किसी पेड़ को अन्य बच्चों की तरह निजी संपत्ति नही मानता था। तोत्तो चान उसकी मित्र थी, वह अपने पेड़ पर यासुकी चान को चढ़ाना चाहती थी, इसीलिए उसने तोत्तो चान की पेड़ में चढ़ने में मदद की।
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‘अपूर्व अनुभव’ पाठ में दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा है। सिद्ध कीजिए।