‘अपूर्व अनुभव’ पाठ में दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा मिलती है। यह बात पाठ के माध्यम से पूरी तरह सिद्ध होती है।
अपूर्व अनुभव पाठ बच्चों की आपसी मित्रता पर आधारित पाठ है, जिसमें यासुकी चान और तोत्तो चान दो बालक-बालिका मित्र हैं। यासुकी पोलियो से ग्रस्त एक बालक है और तोत्तो चान उसकी मित्र थी। इस पाठ में पेड़ों के प्रति लगाव को भी दर्शाया गया है। जापान के एक कस्बे तोमोए की परंपरा के अनुसार एक बच्चा बाग के किसी एक पेड़ को अपना पेड़ बना लेता है और उसे पेड़ पर खुद के चढ़ने को अपना कौशल समझता है। हर एक बच्चा अपने लिए एक पेड़ निश्चित कर लेता है और वह उसे पर खुद ही चढ़ने का प्रयास करता है।
यासुकी चान पोलियो से ग्रस्त होने के कारण पेड़ पर चढ़ने में असमर्थ था, लेकिन उसकी मित्र तोत्तो अपने पेड़ पर तो चढ़ती ही थी, इसके साथ ही पोलियो से ग्रस्त अपने दोस्त यासुकी चान को भी पेड़ की शाखा तक चढ़ने में मदद करती थी। उसे स्वयं के पेड़ पर चढ़ने में जितना आनंद नहीं आता था, उससे अधिक अपने दोस्त यासुकी चान को पेड़ पर चढ़ने में सहायता करने अपूर्व आनंद और संतुष्टि मिलती थी।
वह अपने दोस्त की मदद करके बेहद खुश होती थी, यहाँ तक कि उसने रोज अपने दोस्त को पेड़ को चढ़ाने में सहायता करने की बात को अपने घर के बड़ों से भी छुपा लिया था क्योंकि पेड़ पर चढ़ना एक जोखिम भरा कार्य होता था और इसमें गिरकर चोट भी लग सकती थी। उसके मन में अपने दोस्त यासुकी चान को पेड़ पर चढ़ने की अपूर्व भावना और दृढ़ इच्छा शक्ति थी।
इस कार्य में उसे अपूर्व आनंद आता था। इस तरह इस पाठ के माध्यम से यह बात स्पष्ट होती है कि दूसरों की सहायता करने में जो आनंद आता है, उस आनंद की कोई तुलना नहीं की जा सकती।
यह पाठ हमें ऐसे कमजोर असहाय व्यक्तियों की मदद करने की सहायता करने की प्रेरणा देता है, जो किसी शारीरिक दुर्बलता के कारण अपना कार्य करने में कठिनाई अनुभव करते हैं। यह पाठ हमें यह भी प्रेरणा देता है कि हमें हर किसी की सहायता करने के लिए तुरंत तत्पर रहना चाहिए और दूसरों की सहायता करने में अपूर्व आनंद का अनुभव करना चाहिए।
निष्कर्ष
इसलिए अपूर्व अनुभव पाठ दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा है। यह बात इस पाठ के माध्यम से स्पष्ट रूप से सिद्ध होती है।
‘अपूर्व अनुभव’ पाठ एक जापानी कहानी है, जिसके लेखक ‘तेत्सुको कुरियानागी’ भी हैं। ”तेत्सुको कुरियानागी’ द्वारा लिखा गया जापानी साहित्यिक कृति ‘तोत्तो चान’ विश्व साहित्य की एक अनमोल निधि है। तोत्तो चान उनकी प्रसिद्ध साहित्यिक कृतियों में से एक कृति है। इसका अनुवाद विश्व की कई भाषाओं में हो चुका है। ‘अपूर्व अनुभव’ पाठ ‘तोत्तो चान’ नामक उनकी उसकी कृति का एक अंश है।
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