विचार लेखन
आधुनिक युग तकनीक के कारण दूरी और त्योहारों के कारण एक दूसरे के पास आना
आधुनिक युग में तकनीक ने हम सभी को एक दूसरे से दूर कर दिया है, यह इस बात में पूरी तरह सच्चाई है। आधुनिक युग में तकनीक के विकास के कारण अब हम धीरे-धीरे एक आभासी संसार यानी वर्चुअल वर्ल्ड में समझते जा रहे हैं। हमने अपने जीवन को अपने गैजेट्स जैसे मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर आदि तक सीमित कर लिया है। हम सब सामाजिक जीवन से कटते जा रहे हैं।
अपने काम से थोड़ा सा समय पाते ही हम अपने गैजेट्स पर जुट जाते हैं और इस पर अपना समय बिताते हैं। हमें अपने आसपास के लोगों, अपने परिवारजनों, अपने मित्र संबंधियों से बात करने की फुर्सत नहीं होती। यदि हम कभी उनसे बात करते भी हैं, तो प्रत्यक्ष नहीं बल्कि इन गैजेट के सहारे बात करते हैं। इस तरह तकनीक ने हम सबको एक दूसरे से दूर कर दिया है।
हमारे आज के त्यौहार हमारी इस दूरी को कम करने का कार्य कर रहे हैं। त्योहार शुरू से ही सामाजिकता की भावना से परिपूर्ण रहे हैं। त्योहार ने सामाजिक संबंधों को मजबूत करने में सदैव अपनी भूमिका निभाई है। त्योहारों के माध्यम से लोग पहले भी एक दूसरे के निकट आते थे और आज भी एक दूसरे के निकट आ रहे हैं। पहले यह था कि त्योहारों के अलावा भी लोग एक दूसरे के निकट थे, लेकिन अब त्योहारों के अवसर पर ही लोग एक-दूसरे के निकट आ रहे हैं। कम से कम दिन प्रतिदिन दूर होते जा रहे लोगों को हमारे त्योहार पास लाने का कार्य कर रहे हैं, यह भी एक उल्लेखनीय यह बात है। हमारे त्यौहार, वो चाहे दिवाली हो अथवा होली अथवा नवरात्रि, दशहरा, रक्षाबंधन आदि हो, सभी त्योहारों हमें भौतिक क्रियाकलाप करने पड़ते हैं। इससे हमें गैजेट्स आदि के वर्चुअल वर्ल्ड से बाहर निकलना पड़ता है।
जैसे दिवाली पर हम एक दूसरे के घर मिठाई भिजवाते हैं, एक दूसरे को आमंत्रित करते हैं, आतिशबाजी करते हैं, पूजन कार्य करते हैं, दीप जलाते है। होली पर हम रंग खेलते हैं, एक दूसरे को रंग लगाते हैं, बधाई देते हैं। रक्षाबंधन पर भाई-बहन राखी बांधते हैं। नवरात्रि पर हम व्रत रखते हैं, मंदिर जाते हैं, गरबा-डांडिया जैसे धार्मिक नृत्य करते हैं।इस तरह यह सारे त्यौहार हम सबको सामाजिक बंधन के दायरे के अंदर ले आते हैं। तकनीक के कारण हमारे बीच जो दूरियां व्याप्त हो गई होती हैं, त्यौहार इस दूरी को कम करने का कार्य कर रहे हैं। इसलिए इस बात में जरा भी संदेह नहीं है की तकनीक के कारण उत्पन्न दूरी को हमारे त्योहारों कम कर रहे हैं।
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