विचार/अभिमत
जी हाँ, इस बात में कोई भी संदेह नहीं है। आत्मशक्ति और दृढ़ विश्वास ही वह हथियार है, जो व्यक्ति की नकारात्मकता को खत्म कर उसकी सकारात्मक सोच को विकसित करता है। व्यक्ति के अंदर आत्म शक्ति और दृढ़ विश्वास तभी उत्पन्न होता है, जब वह अपनी सोच को सकारात्मक रखना है। जो व्यक्ति हार नहीं मानते, जो व्यक्ति किसी भी परिस्थिति से हार नहीं मानते और निरंतर अपने लक्ष्य प्राप्ति में लगे रहते हैं। उनका आत्मशक्ति ही उनका सबसे बड़ा हथियार होता है, वह व्यक्ति बेहद दृढ़ विश्वासी होते हैं।
किसी भी व्यक्ति की सफलता और असफलता अधिकतर उसके हाथ में ही होती है। व्यक्ति की मानसिक स्थिति, उसके सोचने की शक्ति, उसका दृष्टिकोण ही उसकी सफलता को तय कर देता है। यदि व्यक्ति की आत्मशक्ति मजबूत है, दृढ़ विश्वास से परिपूर्ण है, तो उसकी सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। आत्मशक्ति उसके लिए एक प्रेरक का कार्य करती है, जो उसे आगे अपने लक्ष्य की ओर धकेलती रहती है और दृढ़ विश्वास उसकी ताकत बनकर उसकी हर कठिन एवं विषम परिस्थिति से लड़ने में सहायता करता है।
जो व्यक्ति असफल होते हैं, उनमें निश्चय ही आत्मविश्वास की कमी होती है। वह व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति सशंक्ति होते हैं। जिन व्यक्तियों ने भी अपने जीवन में अपने लक्ष्य को पाया है, अपने जीवन में सफलता पाई है, उनके जीवन चरित्र को उठाकर देखें, जानें, समझें और यदि उनसे बात करने का, उनसे संपर्क करने का सौभाग्य प्राप्त हों, करें तो पता चलेगा कि उनके लक्ष्य प्राप्ति के पीछे उनकी आत्मशक्ति और उनका विश्वास ही मुख्य कारण था।
आत्मशक्ति और दृढ़ विश्वास एक ऐसे हथियार हैं, जो नकारात्मकता रूपी दानव को व्यक्ति के पास पटकने नहीं देते और इन हथियारों से युक्त व्यक्ति निश्चय ही अपने लक्ष्य को पाकर रहता है।
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