जिसने आत्मा का रहस्य जान लिया हो : आत्मज्ञानी
स्पष्टीकरण
‘जिसने आत्मा का रहस्य जान लिया हो’ इस अनेक शब्द समूह के लिए एक शब्द होगा, ‘आत्मज्ञानी’
व्याख्या
जिसने आत्मा का रहस्य जान लिया हो, ऐसे व्यक्ति को आत्मज्ञानी कहते है। आत्म का अर्थ होता है अंदर। आत्मा अर्थात स्वयं के अंदर जाना।
जिसने आत्मा का रहस्य जान लिया यानि जिसने खुद को समझ लिया हो, जिसने अपने अंदर के स्वरूप को पहचान कर अपने अंदर के अंधकार को दूर लिया हो उसे आत्मज्ञानी कहते हैं।
स्वयं को पहचानना एक कठिन प्रक्रिया है। जो व्यक्ति स्वयं को समझ लेता है, वह अपने अंदर की बुराइयों को पहचान लेता है। स्वयं को पहचान कर अपनी अज्ञानता को पहचानकर अपनी कमियों को दूर करने वाला व्यक्ति आत्मज्ञानी कहलाता है।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द हिंदी व्याकरण में शब्दों को एक शब्द में सुंदर रूप देने की एक बेहद ही अद्भुत विधि है। इस विधि में एक पूरे शब्द समूह को केवल एक ही शब्द में समेट लिया जाता है, जिससे पूरे शब्द समूह के शब्दों की सार्थकता एक ही शब्द में सिमट आती है और वह शब्द बेहद प्रभावशाली और वजनदार दिखाई पड़ता है।
कुछ मिलते जुलते उदाहरण…
- जो सब कुछ जानता हो : सर्वज्ञानी
- जो कुछ भी न जानता : अज्ञानी
- जो बहुत कुछ जानता हो : परम ज्ञानी