जनसंचार माध्यमों के क्या खतरे है?​ बताइए।

जनसंचार  से तात्पर्य उन सभी साधनों से है जो एक साथ बहुत बड़ी जनसंख्या के साथ संचार सम्बन्ध स्थापित करने में सहायक होते हैं। आज के तकनीक युग में जनसंचार के माध्यमों की आवश्यकता और भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।  जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, टेलीविजन, सिनेमा और इंटरनेट आदि हैं। जनसंचार के माध्यमों के बढ़ते उपयोग के साथ अनेक खतरे भी उत्पन्न होेते जा रहे हैं। जनसंचार के माध्यमों से उत्पन्न खतरे इस प्रकार हैं…

  • जनसंचार के माध्यमों में इंटरनेट बेहद तेजी से बढ़ने वाला माध्यम है। इस माध्यम के बढ़ते प्रचलन के साथ ही नेट-क्राइम बढ़ता जा रहा है।
  • सिनेमा, टी.वी. वास्तविकता से परे काल्पनिक दुनिया में पहुँचा देते हैं, वहीं वे अपराधों के नए-नए तरीके भी सिखा रहे हैं और हिंसा और अश्लीलता युवा वर्ग को बहुत अधिक प्रभावित कर रही है।
  • विज्ञापनों के जाल में मनुष्य फँसकर अपने बहुमूल्य धन को यूँ ही बर्बाद कर रहे है। वह उन चीजों को भी खऱीद रहे हैं जो उनकी आवश्यकता की नही है। क्योंकि विज्ञापन का मायाजाल उन्हें अपने आकर्षण में फंसा लेता है।
  • टीवी पर डिबेट शो के नाम पर केवल शोर-शराबा रह गया है। इन शो में भाषा की मर्यादा और आचरण की सीमाएं लांघी जा रही हैं। ऐसे शो को देखकर बच्चे व युवाओं पर गलत असर पड़ रहा है।
  • सोशल मीडिया पर भ्रामक और झूठी सूचनाओं का जाल फैला हुआ है, जिससे लोग दिग्भ्रमित हो रहे हैं।

कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि जनसंचार के कारण जहाँ  एक ओर तो लोग शिक्षित, सचेत और जागरूक हो रहे हैं तो दूसरी ओर वे भ्रमित और पथभ्रष्ट भी हो रहे हैं। जनसंचार के नकारात्मक पहलू लोगों के जीवन पर गलत प्रभाव डाल रहे हैं।


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