1. चित्रकार किसे कहा गया है? 2. पर्वतों की चोटियों की तुलना किससे की गई है? 3. कविता में घाटियों को सर्प के समान क्यों बताया गया है?​ (कविता – ये कौन चित्रकार है?)

1. चित्रकार किसे कहा गया है?

उत्तर : कविता में चित्रकार विधाता यानी ईश्वर को कहा गया है। ईश्वर ने ही इस सुंदर प्रकृति की रचना की है। इतनी सुंदर प्रकृति की रचना करने वाले विधाता ईश्वर को ही चित्रकार कहा गया है।

2. पर्वतों की चोटियों की तुलना किससे की गई है?

उत्तर : पर्वतों की चोटियों की तुलना तपस्वियों से की गई है क्योंकि पर्वत की यह चोटियां तपस्वियों सी अटल खड़ी हैं। इन चोटियो को देखकर ऐसा लग रहा है कि कोई तपस्वी अपनी तपस्या में मगन हो। यह निश्चल भाव से सदियों से यूं ही खड़ी हैं।

3. कविता में घाटियों को सर्प के समान क्यों बताया गया है?​ 

उत्तर :  कविता में घाटियों को सर्प के समान इसलिए बताया गया है, क्योंकि पर्वत की एक घटना लहराती हुई बलखाती हुई दिखाई दे रही है। ये घुमावदार घटियां ऐसी प्रतीत हो रही है, जैसे कोई सर्प अपनी चाल में चल रहा हो। सर्प लहराते हुए,  बलखाते हुए चलते हैं। यह घटिया भी उसी तरह लहराती हुई फैली हैं।  इसीलिए कविता में घाटियों को सर्प के समान बताया गया है।

पंडित भरत व्यास

‘पंडित भरत व्यास’ हिंदी के जाने-माने कवि और गीतकार थे, जिन्होंने हिंदी की अनेक सुंदर कविताओं की रचना की। उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए अनेक सुंदर गीत भी लिखे हैं। उनके लिखे गीत कई हिंदी फिल्मों में फिल्म लिए गए हैं और बेहद लोकप्रिय हुए हैं।

‘यह कौन चित्रकार है’ गीत भी उन्होंने हिंदी फिल्म ‘बूंद जो बन गई मोती’ के लिए लिखा था। उसके अलावा उन्होंने दो आँखें बारह हाथ का ऐ मालिक तेरे बंदे हम जैसा गीत भी लिखा। उन्होंने गूंज उठी शहनाई, संत ज्ञानेश्वर जैसी फिल्मों के लिए भी गीत लिखे। उनका जन्म 6 जनवरी 1918 को हुआ और निधर 4 जुलाई 1982 को हुआ।

‘ये कौन चित्रकार है’ गीत

हरी हरी वसुंधरा पे नीला नीला ये गगन
के जिस पे बादलों की पालकी उड़ा रहा पवन
दिशाएँ देखो रंग भरी, चमक रही उमंग भरी
ये किसने फूल फूल पे किया सिंगार है
ये कौन चित्रकार है, ये कौन चित्रकार है….

तपस्वियों सी है अटल ये पर्बतोंकी चोटियाँ
ये सर्पसी घूमेरदार घेरदार घाटियाँ
ध्वजा से ये खडे हुए है वृक्ष देवदार के
गालिचे ये गुलाब के, बगीचे ये बहारके
ये किस कवी की कल्पना का चमत्कार है
ये कौन चित्रकार है, ये कौन चित्रकार है

कुदरत की इस पवित्रता को तुम निहार लो
इनके गुणों को अपने मन में तुम उतार लो
चमका लो आज लालिमा अपने ललाटकी
कण कण से झाँकती तुम्हें छबी विराट की
अपनी तो आँख एक है, उस की हजार है
ये कौन चित्रकार है, ये कौन चित्रकार


Other questions

इसकी छाया में रंग गहरा किसलिए और क्यों कहा गया है​?

‘दाह जग-जीवन को हरने वाली भावना’ क्या होती है ? ​

Related Questions

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Questions