वृक्ष विहीन पहाड़ पर मनुष्य को इस प्रकार नुकसान पहुंचाते हैं कि वह प्राकृतिक आपदा बनकर मनुष्य पर टूट पड़ते हैं। वृक्ष विहीन पहाड़ भूस्खलन का एक बड़ा कारण बनते हैं। भूस्खलन से जान-माल को बड़े स्तर पर क्षति पहुंचती है। जिन पहाड़ों पर वृक्षों की संख्या कम होती है या वृक्ष विहीन होते हैं, वह पहाड़ धीरे-धीरे खंडित होते रहते हैं और भूस्खलन की प्रक्रिया द्वारा उनका अस्तित्व धीरे-धीरे कम होता जाता है।
इन पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर और मिट्टी आदि गिरते रहते हैं, जो कि आसपास के लोगों के लिए और आने जाने वाले लोगों के लिए खतरनाक बनते हैं। इसलिए यदि पहाड़ पर पर्याप्त मात्रा में वृक्ष हो तो ना तो पहाड़ पर भूस्खलन हो और ना ही हम किसी तरह की प्राकृतिक आपदा आएगी।
वृक्ष विहीन पहाड़ हो या भूमि सब जगह प्रकृति अपना कहर बरपाती है। वृक्ष प्रकृति की बाजू के समान हैं। यदि हम पृथ्वी की बाजू को काट डालेंगे तो प्रकृति भी हम पर कहर बरसायेग। इसलिए पहाड़ों को वृक्ष विहीन करने की अपेक्षा यह प्रयास करें कि पहाड़ों पर अधिक से अधिक वृक्ष लगें। ये हम सबके हित में होगा।
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