इफ्फन और टोपी शुक्ला की दोस्ती समाज के लिए इस प्रकार प्रेरक है, क्योंकि उन दोनों की दोस्ती भाईचारे का प्रतीक बनती है। इफ्फन और टोपी शुक्ला दोनों अलग-अलग धर्म से संबंध रखते थे। टोपी शुक्ला जहां हिंदू था, वहीं इफ्फन मुस्लिम था। लेकिन धर्म की दीवार दोनों की दोस्ती के बीच में नहीं आ पाई। दोनों प्रेम एवं स्नेह के अटूट बंधन में बने थे। यह भाईचारे की अद्भुत मिसाल थी, जो समाज के लिए बेहद जरूरी है।
जब इफ्फन के पिता का तबादला हुआ और इफ्फन चला गया तो टोपी शुक्ला अकेला रह गया। लेकिन उसके बाद उसका कोई भी ऐसा मित्र नहीं बन पाया जो इफ्फन जैसा हो। इफ्फन और टोपी शुक्ला वास्तव में एक-दूसरे के सच्चे दोस्त थे। उनकी दोस्ती धर्म और जाति से अलग हटकर सामाजिक भाईचारे की प्रतीक थी, इसलिए इफ्फन और टोपी शुक्ला की दोस्ती भारतीय समाज के लिए एक प्रेरक है।
संदर्भ : पाठ ‘टोपी शुक्ला’, हिंदी (संचयन), कक्षा – 10, पाठ -3