मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं? इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?

मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं, इस पंक्ति में लेखक ने उस व्यथा की ओर संकेत किया है, जिसमें मशीनी युग के कारण गाँव के कुटीर उद्योग चौपट हो गये हैं। मशीनों से हर वस्तु का निर्माण होने लगा है, जिससे उन वस्तुओं का निर्माण करने वाले कारीगर जो हाथ से कलात्मक ढंग से उन वस्तुओं का निर्माण करते थे, वह बेरोजगार हो गए हैं और उनके जीवन पर आर्थिक संकट आ पड़ा है।

मशीनी युग के कारण बेरोजगार हुए लोगों की व्यथा को ही लेखक ने ‘मशीनी युग ने सबके हाथ काट दिए हैं।’ इस पंक्ति के माध्यम से स्पष्ट किया है। ‘लाख की चूड़ियाँ’ पाठ में भी बदलू अपने हाथ की कारीगरी से लाख की चूड़ियां बनाता था। उसकी चूड़ियों की गाँव-गाँव में मांग थी और उसका धंधा खूब चलता था। लेकिन जैसे-जैसे मशीनें आ गई और मशीनों से कांच की चूड़ियां बनने लगी तो बदलू की लाख की चूड़ियों की मांग कम हो गई और फिर उसका धंधा भी बिल्कुल बंद हो गया, यही उसकी व्यथा थी।

संदर्भ पाठ

‘लाख की चूडियाँ’ पाठ कामतानाथ द्वारा लिखा गया एक ऐसा पाठ है, जिसमें लाख की चूड़ियां बनाने वाले बदलू नामक व्यक्ति के बारे में बताया गया है, जो लाख की चूड़ियां बनाता था लेकिन धीरे-धीरे कांच की चूड़ियां होने के कारण उसकी लाख की चूड़ियां की बिक्री कम होने लगी और उसका धंधा बंद हो गया।

(‘लाख की चूड़िया’, पाठ 2, कक्षा 11)


Related questions

बदलू के मन में ऐसी कौन सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी ना रह सकी?

बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ ना कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था? (लाख की चूड़ियाँ)

Chapter & Author Related Questions

Subject Related Questions

Recent Questions

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here