जलहीन में कौन सा समास है?

जलहीन में समास

जलहीन : जल से हीन

समास भेद : तत्पुरुष समास

तत्पुरुष समास का उपभेद : अपादान तत्पुरुष समास

 

जलहीन में तत्पुरुष समास होता है। यहाँ पर तत्पुरुष समास का ‘अपादान तत्पुरुष समास’ लागू होगा। अपादान तत्पुरुष समास में अलग होने के का बोध होता है, जिसे योजक चिन्ह ‘से’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यहाँ पर भी जल से अलग होने का बोध हो रहा है। इसलिए यहाँ पर ‘अपादान तत्पुरुष समास’ होगा।

तत्पुरुष समास की परिभाषा

तत्पुरुष समास में द्वितीय पद प्रधान होता है। इस पद में भी द्वितीय पद प्रधान है।
समास से तात्पर्य शब्दों के संक्षिप्तीकरण से होता है। हिंदी व्याकरण की भाषा में समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जब दो या दो से अधिक पदों का संक्षिप्तीकरण करके एक नवीन पद की रचना की जाती है। तत्पुरुष समास की परिभाषा के अनुसार जब दोनों पदों में दूसरा पद प्रधान हो तो वहाँ तत्पुरुष समास होता है।

जैसे
·   मोहबंधन : मोह का बंधन
·   प्रसंगोचित : प्रसंग के अनुसार
·   राजकन्या : राजा की कन्या
·   देवालय : देव का आलय


Related question

‘मन’ से बने कुछ सामासिक शब्द और उनका भेद बताएं।

‘स्थितोस्ति’ शब्द का संधि-विच्छेद क्या होगा?

Related Questions

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Questions