विलोम शब्दों का प्रयोग और लेखन कौशल
अगर हम विलोम शब्दों का प्रयोग न करें तो हमारे लेखन पर कोई बहुत अधिक गहरा प्रभाव पड़े, यह आवश्यक नहीं है। विलोम शब्दों का प्रयोग करना व्याकरण की अथवा लेखन की अनिवार्य आवश्यकताओं में नहीं है। विलोम शब्दों का प्रयोग केवल आवश्यकता पड़ने पर ही किया जाता है। जब हमें किसी बात को व्यक्त करते समय उसका दूसरा पक्ष भी रखना होता है, तब हमें दूसरे पक्ष को रखते समय विलोम शब्दों का भी प्रयोग करना पड़ सकता है। लेकिन यह लेखन शैली का या लेखन कार्य का आवश्यक अनिवार्य अंग नहीं है।
विलोम शब्द हों या पर्यायवाची शब्द तथा शब्दों के अन्य रूप, ये भाषा को विविधता प्रदान करते हैं और लेखन सामग्री को सरस एवं रोचक बनाते हैं। लेकिन यह अनिवार्यता के दायरे में नहीं आते। किसी छोटे लेख को लिखते समय यह आवश्यक नहीं कि हमें उसमें विलोम शब्दों का प्रयोग करना पड़े। किसी लंबे लेख को लिखते समय हमें शायद उसमें विलोम शब्दों का प्रयोग करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
विलोम शब्दों का प्रयोग करने से हमारे लेखन कार्य पर कोई बहुत अधिक गहरा या विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन हमें विलोम शब्द अथवा पर्यायवाची शब्द या अन्य शब्दों के रूप का प्रयोग करने के लिए अच्छी तरह तैयार रहना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर इनका प्रयोग करने से संकोच नहीं करना चाहिए। बिना आवश्यकता के प्रयोग करने से लेखन का मूल उद्देश्य प्रभावित हो सकता है। इसलिए आवश्यकता पड़ने पर ही विलोम शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। बिना आवश्यकता के इनका कोई औचित्य नहीं है।