परशुराम जी विश्वामित्र जी से लक्ष्मण को समझाने के लिए कहते हैं क्योंकि…
- मध्यस्थता की आवश्यकता : वे समझते हैं कि स्थिति तनावपूर्ण हो रही है और एक सम्मानित व्यक्ति की मध्यस्थता आवश्यक है।
- विश्वामित्र का प्रभाव : वे जानते हैं कि विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के गुरु हैं और उनका प्रभाव लक्ष्मण पर होगा।
- अनर्थ से बचना : परशुराम नहीं चाहते कि उनका क्रोध किसी अनुचित घटना का कारण बने।
- लक्ष्मण की सुरक्षा : वे लक्ष्मण को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते, लेकिन उनका व्यवहार उन्हें इस दिशा में धकेल रहा है।
- अपने क्रोध पर नियंत्रण : वे अपने क्रोध को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं और विश्वामित्र की मदद चाहते हैं।
- स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान : वे चाहते हैं कि स्थिति शांतिपूर्वक सुलझ जाए, बिना किसी हिंसक कार्रवाई के।
यह परशुराम की विवेकशीलता और स्थिति के प्रति उनकी समझ को दर्शाता है, जहां वे एक वरिष्ठ और सम्मानित व्यक्ति की मदद लेना चाहते हैं।