‘स्मृति’ पाठ में लेखक श्रीराम शर्मा ने अपने बचपन की एक घटना का वर्णन किया है, जो स्मृति के रूप में उनके मानस पटल पर अंकित हो गई थी। ऐसी एक अविस्मरीय घटना मेरे जीवन में भी घटित हुई, मेरे मन स्मृति के रूप में अंकित रही।
मैं अपने शहर में अपने माता-पिता के साथ रहता था। हमारे दादा दादी गाँव में रहते थे, हम लोग अक्सर त्योहारों की छुट्टियों में या गर्मियों में छुट्टियां बिताने के लिए जाया करते थे। मेरे स्कूल में जब गर्मी की छुट्टियां पड़ गई तो हम सब गाँव में बिताने के लिए गाँव गए। पहले दिन ही मैं गाँव के लड़कों के साथ घूमने निकल गया। मेरे दादाजी के खेत के पास ही एक बड़ा सा तालाब था। मैं गाँव के लड़कों के साथ राहत तालाब के किनारे खेलने लगा। गाँव के लड़के तालाब में उतरकर नहाने लगे और मौज-मस्ती करने लगे। उन्हें देखकर मेरा मन भी किया कि मैं भी तालाब में जाकर नहाऊं और मौज-मस्ती करू। लेकिन मुझे डरना नहीं आता था इसलिए मैं तालाब में उतरने से डर रहा था। अपने साथियों द्वारा बार-बार बुलाने मैं अपने आप को रोक नहीं सका और तालाब में उतर गया।
क्योंकि मुझे जानना नहीं आता था, इसलिए मैं तलाक में उतरने ही थोड़ी देर बाद पानी में डूबने लगा और अपने बचाव के लिए हाथ पैर मार कर चिल्लाने लगा। ये देखकर मेरे साथी लड़के मुझे बचाने का प्रयास करने लगे लेकिन वो मुझे संभाल नही पा रहे थे। आवाज सुनकर गाँव के कुछ लोग दौड़े-दौड़े आए और मुझे तालाब में से निकाला। मेरे पेट में पानी भर गया था और मैं लगभग बेहोश हो गया था। किसी तरह मेरे पेट से पानी निकाल गया और मुझे होश आया तो मैंने अपने आसपास लोगों को घिरा हुआ पाया। मेरे माता-पिता को भी सूचना दे दी गई थी और वह भी दौड़े-दौड़े आए।
बाद में घर पर माता-पिता ने डांट लगाई और कहा कि तुम अब कभी तालाब के पास नहीं जाओगे। तालाब में डूबने की वह घटना मेरे मन में अंकित हो गई और मुझे हमेशा याद रही। शहर आकर मैंने इस बार तैरना सीखा और उसके बाद में जब कभी भी गाँव गया तो उसे तालाब जाकर जरूर तैरा, लेकिन तालाब में डूबने की वह घटना मुझे हमेशा याद रही। वह घटना मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना बन गई।
‘स्मृति’ पाठ के कुछ questions
लेखक ने नग्न व सजीव मौत किसे कहा था? (पाठ – स्मृति)