पाठ ‘हिमालय की बेटियां’ में लेखक ने कालिदास का उल्लेख किया है। कालिदास का उल्लेख लेखक ने ‘हिमालय की बेटियां’ पाठ में इसलिए किया है, क्योंकि कालिदास ने हिमालय को देवात्मा कहा था। इस पाठ में लेखक ने हिमालय की विशेषताओं का वर्णन किया है और उन्हीं विशेषताओं तथा हिमालय से निकलने वाली नदियों की विशेषताओं को बताते हुए लेखक ने यह भी बताया है कि कालिदास ने हिमालय को देवात्मा कहा था।
‘हिमालय की बेटियां’ पाठ में लेखक नागार्जुन ने अपनी हिमालय यात्रा के दौरान लिखा था। ये लेख उन्होंने सन् 1947 में लिखा था। इस पाठ में हिमालय के अद्भुत सौंदर्य का वर्णन किया है। उन्होंने हिमालय की अनुपम छटा, अठखेलियां करती नदियां, बर्फ से ढकी पहाड़ियों, पेड़-पौधों से बड़ी गाड़ियां, देवदार, चीड़, सनोबर, चिनार जैसे वृक्षों से भरे जंगलों की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। हिमालय से निकलने वाली नदियों को लेखक ने हिमालय की बेटियां कहा है।
संदर्भ पाठ :
हिमालय की बेटियां (नागार्जुन)
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