NCERT Solutions (हल प्रश्नोत्तर)
तताँरा-वामीरो की कथा : लीलाधर मंडलोई (कक्षा-10 पाठ-10 हिंदी स्पर्श 2)
TATANRA-VAMIRO KI KATHA (Class-10 Chapter-10 Hindi Sparsh 2)
तताँरा-वामीरो की कथा : लीलाधर मंडलोई
पाठ के बारे में…
प्रस्तुत पाठ ‘तताँरा वामीरो की कथा’ में लेखक लीलाधर मंडलोई ने एक प्रेमी युगल की लोककथा का वर्णन किया है। हर क्षेत्र के साथ कोई ना कोई लोक कथाएं जुड़ी होती हैं। अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भी तरह-तरह के कहानियां किस्से मशहूर हैं।
लेखक लीलाधर मंडलोई ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के एक छोटे से द्वीप पर केंद्रित होकर यह कथा लिखी है। यह कथा एक प्रेमी युगल तताँरा और वामीरो की कथा है, जिसमें उनके बीच पनपे प्रेम और गाँव की परंपराओं के कारण उनके विचारों का वर्णन किया गया है।
लेखक ने इस पाठ के माध्यम से यह संदेश दिया है कि प्रेम सब को जोड़ता है और घृणा सबको तोड़ती है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह के गाँव में एक परंपरा थी जिसके अंतर्गत अलग-अलग गाँव के युवक युवती आपस में विवाह नहीं कर सकते थे ।
तताँरा और वामीरो अलग-अलग गाँव के युवक-युवती थे। इस कारण दोनों में प्रेम होने के बावजूद दोनों का विवाह नहीं हो सका। इसलिए तताँरा ने अपने प्राण त्याग दिए तथा वामीरो भी उसके विरह में विक्षिप्त हो गई। बाद में गाँव वालों ने इस परंपरा को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया।
लेखक के बारे में…
लीलाधर मंडलोई का जन्म छिंदवाड़ा जिले के गाँव गुढ़ी में सन 1954 को हुआ था। वह मूल रूप से कवि हैं और उन्होंने छत्तीसगढ़ अंचल की गोली में कई मीठी कविताएं लिखी हैं, जो वहां से जनजीवन का सजीव चित्रण करती हैं। इसके अलावा उन्होंने कुछ कहानियां लिखी हैं।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह की जनजातियों पर लिखा उनका यह गद्य एक अलग ही शास्त्रीय अध्ययन को प्रस्तुत करता है। उनकी प्रमुख कृतियों में घर-घर घूमा, मगर एक आवाज, देखा अनदेखा और काला पानी आदि के नाम प्रमुख हैं।
हल प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए।
प्रश्न 1 : तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?
उत्तर : ‘तताँरा-वामीरो की कथा’ अंडमान निकोबार द्वीप समूह की लोककथा है। इस कथा में एक युवक तताँरा और युवती वामीरो की प्रेम कथा का वर्णन किया गया है, जो दोनों अलग-अलग गाँव के निवासी थे। तताँरा पासा गाँव का निवासी था जबकि वामीरो लापती गाँव की रहने वाली थी।
प्रश्न 2 : वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
उत्तर : वामीरो समुद्र तट पर बैठी हुई अपनी ही धुन में मधुर गाना गा रही थी। अचानक ऊँची लहर आई और उसको भिगो दिया, इस कारण चौंककर वामीरो अपना गाना गाना भूल गई।
प्रश्न 3 : तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?
उत्तर : तताँरा वामीरो का बेहद मधुर गाना सुनकर मंत्रमुग्ध हो गया था। उसने वामीरो से याचना थी कि वह अगले दिन भी इसी जगह पर आए और वह उससे मिलने के लिए आएगा। उसने वामीरो से रोज उसी जगह पर आने की याचना की और कहा कि वह अपना अधूरा गाना पूरा करके ही जाए।
प्रश्न 4 : तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
उत्तर : तताँरा और वामीरो के गाँव की यह रीति थी कि दो अलग-अलग गाँव के युवक-युवती आपस में विवाह नहीं कर सकते थे। अर्थात किसी एक गाँव का युवक या उस गाँव की युवती किसी दूसरे गाँव के युवक या युवती से विवाह नहीं कर सकते थे।
प्रश्न 5 : क्रोध में तताँरा ने क्या किया?
उत्तर : क्रोध में तताँरा ने अपने कमर में लटकी तलवार को निकाल लिया और वह तलवार अपनी पूरी शक्ति से जमीन के अंदर गाड़ दी और गुस्से में तलवार को बाहर खींचने लगा। उसके ऐसा करने से पूरी जमीन दो टुकड़ों में बंट गई और वह द्वीप दो टुकड़ों में विभाजित हो गया।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1: तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
उत्तर : तताँरा की तलवार के विषय में लोगों का यह मत था कि तताँरा की तलवार एक दैवीय गुणों से युक्त तलवार थी। लकड़ी की बनी उस तलवार का तताँरा सामान्य स्थिति में प्रयोग नहीं करता था और ना ही कभी अपने से अलग होने देता था। वह किसी विशेष परिस्थिति में ही उस तलवार का प्रयोग करता था। लोगों का मानना था कि वह तलवार अद्भुत एवं विलक्षण रहस्यों से युक्त थी और वह कोई साधारण नहीं बल्कि असाधारण तलवार थी।
प्रश्न 2 : वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?
उत्तर : वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से यह जवाब दिया कि वह उससे सवाल क्यों पूछ रहा है और वह उसे इस तरह क्यों देख रहा है? वह अपने गाँव के पुरुष अलावा दूसरे किसी अन्य गाँव के पुरुषों से ना ही बात करती है और ना ही उसके किसी सवाल का जवाब देती है। इसलिए वह उसके अजीब से सवालों का जवाब क्यों दे?
प्रश्न 3 : तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर : तताँरा और वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार द्वीप के गाँवों में यह परिवर्तन आया कि सभी गाँवों में आपस में वैवाहिक संबंध स्थापित होने लगे। इससे पहले निकोबार द्वीप के सभी गाँवों में यह प्रथा प्रचलित थी कि एक गाँव का युवक या युवती दूसरे गाँव के युवक या युवती से विवाह संबंध स्थापित नहीं कर सकता था। अर्थात गाँवों के बीच आपसी वैवाहिक संबंध की परंपरा नही थी।
युवक या युवती का विवाह उसी गाँव के युवक या युवती से होता था। तताँरा और वामीरो की मृत्यु के बाद निकोबार द्वीप के सभी गाँवों के लोगों ने इस प्रथा को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया। अब सभी गाँवों में आपस में वैवाहिक संबंध स्थापित होने लगे थे।
प्रश्न 4 : निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
उत्तर : निकोबार यह लोग तताँरा को इसलिए पसंद करते थे क्योंकि तताँरा का स्वभाव बेहद विनम्र, मधुर एवं मिलनसार था। वह स्वभाव से परोपकारी और समय पड़ने पर सबकी मदद करने वाला युवक था। वह सदैव दूसरों की सहायता करने के लिए तत्पर रहता था। किसी भी मुसीबत में वह तुरंत सहायता करने के लिए आ जाता था। इसके अलावा वह नेक, ईमानदार, विनम्र तथा साहसी युवक था और उसके स्वभाव में आत्मीयता थी। उसके इन्हीं गुणों के कारण निकोबार के लोग तताँरा को पसंद करते थे ।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1 : निकोबार द्वीप समूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
उत्तर : निकोबार द्वीप समूह के विभक्त होने के बारे में निकोबार के लोगों यह मत था। यह विश्वास था कि पहले अंडमान और निकोबार दोनों द्वीप समूह एक ही है और यह बाद में अलग हुए। इसके संबंध में निकोबार दिनों में एक दंतकथा प्रचलित थी। उनके विश्वास के अनुसार पहले एक अंडमान निकोबार द्वीप समूह में तताँरा और वामीरो दोनों युवक-युवती एक दूसरे से प्रेम करते थे। दोनों युवक-युवती अलग-अलग गाँव के निवासी थे।
उस समय गाँव में यह परंपरा थी कि अलग-अलग गाँव के युवक-युवती आपस में विवाह नहीं कर सकते थे। इसी कारण दोनों का विवाह नहीं हो पाया। एक दिन वामीरो की माँ से तताँरा का विवाद होने पर तताँरा को इतना गुस्सा आया कि उसने अपनी दैवीय तलवार को पूरी ताकत से जमीन में गाड़ दिया और उसे खींचता हुआ दूर तक चलता चला गया। इस कारण वहाँ से जमीन दो टुकड़ों में बंट गई और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह दोनों अलग-अलग बन गए। दोनो प्रेमी युगल ने अपना जीवन भी बलिदान कर दिया।
इसके बाद निकोबार द्वीप समूह के गाँव के सभी लोगों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने उस पुरानी परंपरा को ही खत्म कर दिया, जिसके अंतर्गत एक ही अलग-अलग गाँव के युवक युवती आपस में जगह नहीं कर सकते थे।
प्रश्न 2 : तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर : तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद समुद्र के किनारे टहलने चला गया। जब अथक परिश्रम करने के बाद तताँरा समुद्र के तट पर गया तो संध्या का समय हो रहा था। दूर क्षितिज पर सूरज डूबता हुआ दिखाई दे रहा था। पक्षियों का झुंड अपने-अपने घोंसलों की ओर जा रहा था। समुद्र की ओर से आ रही ठंडी ठंडी हवा मन को बेहद शांति प्रदान कर रही थी। सूरज की लाली से समुद्र के पानी पर रंग-बिरंगी आकृतियां बन रही थीं, जो अद्भुत सौंदर्य उत्पन्न कर रही थी। समुद्र की लहरों का पानी आवाज सुनकर ऐसा लग रहा था, जैसे कोई गीत गा रहा हो। समुद्र के किनारे का वह दृश्य बेहद ही मनमोहक था।
प्रश्न 3 : वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर : वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में अनोखा परिवर्तन आ गया था। वामीरो से मिलने के बाद तताँरा बहुत बेचैन हो गया और वह अपनी सुध-बुध खो बैठा था। उसके मन में एक अजीब सी हलचल हो गई थी। जिस शाम को वह वामीरों से मिला उस शाम के बाद वह पूरी रात उसने बेचैनी में काटी। उसका ह्रदय व्यथित था और उसे रात काटना भारी लग रहा था। उसे रात ही नहीं पूरा दिन भी ऐसा ही बेचैन भरा लगा ।
जैसे-तैसे अगले दिन की शाम आई और वह समुद्र तट पर जा पहुंचा, जहाँ उसे वामीरो मिली थी। उसे वामीरो के आने की उम्मीद थी। इसलिए इसी बेचैनी में वामीरो के आने की प्रतीक्षा करता रहा। प्रतीक्षा का एक-एक पल उसे बहुत भारी लग रहा था। अचानक पेड़ों के पीछे से वामीरो को आते देखकर उसके मन में खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वह एकटक वामीरो को निहारने लगा।
प्रश्न 4 : प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
उत्तर : प्राचीन काल में मनोरंजन एवं शक्ति प्रदर्शन के लिए अनेक तरह के आयोजन किए जाते थे। इस तरह के मनोरंजन एवं शक्ति-प्रदर्शन के कार्यक्रमों के लिए प्राचीन काल में जगह-जगह मेलों का आयोजन किया जाता था, जिनमें विभिन्न तरह के जानवरों, मुख्यता सांडों की लड़ाई करवाई जाती थी। इसके अलावा पहलवानों की कुश्तियों के दंगल भी आयोजित किए जाते थे।
तलवारबाजी जैसी प्रतिस्पर्धा का भी आयोजन किया जाता था। जिससे लोगों का मनोरंजन होता था। यह कार्यक्रम मनोरंजक होने के साथ-साथ शक्ति प्रदर्शन के कार्यक्रम भी होते थे। इन मेलों में तीतर बटेर की लड़ाई पतंगबाजी आदि का आयोजन भी किया जाता था तथा तरह-तरह के नाच गाने के प्रोग्राम भी आयोजित किए जाते थे। इस तरह के मेलों में आसपास के गाँव के लोग इकट्ठे होते थे तथा नृत्य-संगीत-भोज आदि का प्रबंध होता था।
प्रश्न 5 : रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : रूढ़ियां जब बंधन बन बोझ बनने लगे, तब उनका टूट जाना ही अच्छा होता है, क्योंकि रूढ़ियां हर समय प्रासंगिक नहीं होती हैं। रूढ़ियां मान्यताओं के रूप में किसी विशेष समय में बनाई जाती हैं। लेकिन आवश्यक नहीं कि रूढ़ियां हर समय प्रासंगित ही रहें। समय परिवर्तनशील है और समय के साथ-साथ विचार एवं जीवन शैली तथा लोगों की सोच भी बदलने लगती है। ऐसी स्थिति में पुरानी परंपराओं से चिपके रहने से वह परंपराएं रुढ़ियाों के रूप में बंधन बनकर बोझ बन जाती हैं।
इसी तरह की रूढ़ि के कारण ही तताँरा एवं वामीरो का आपस में विवाह नहीं हो सका और उन्हें अपने जीवन का बलिदान करना पड़ा। यदि निकोबार द्वीप समूह के सभी गाँव अपनी पुरानी रूढ़ि से चिपके नहीं होते तो तताँरा और वामीरो का विवाह हो गया होता। इसी कारण रूढ़ि जब बंधन बन बोझ बनने लगे तो उसे त्याग देना ही अच्छा होता है।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए
प्रश्न 1 : जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसने शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
आशय : इन पंक्तियों का आशय यह है कि जब तताँरा और वामीरो आपस में प्रेम करते थे तो दोनों के अलग-अलग गाँव का होने के कारण इन दोनों का मिलन संभव नहीं था। एक दिन मेले में वामीरो की माँ द्वारा तताँरा का अपमान करने से तताँरा बेहद क्रोधित हो गया। उसने उसे यह समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे।
तताँरा वामीरो की माँ को कुछ बोल नहीं सकता था। अपने क्रोध को शांत करने के लिए जब उसे कुछ नहीं सूझा तो उसने अपनी कमर में बंधी तलवार निकाल ली और उसे पूरी ताकत से जमीन में गाड़ दिया। फिर गुस्से में उस तलवार को जमीन से खींचने लगा और खींचता हुआ दूर तक चला गया । इस तरह वे जमीन बीच में से चिर गई और दो टुकड़ों में बंट गई ।
तभी से निकोबार वासियों की यही मान्यता है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह इसी कारण अलग-अलग हो गए थे। पहले दोनों द्वीप एक ही द्वीप थे।
प्रश्न 2 : बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
आशय : इस पंक्ति का आशय यह है कि जब तताँरा वामीरो से पहली बार समुद्र तट पर मिला था तो वामीरो को पहली नजर में देखते ही उसे उसे बेहद प्रेम हो गया था। उसके बाद उसके मन में एक हलचल सी मच गई थी। उसने वामीरो से अगले दिन आने के लिए कहा था। इसीलिए उसने रात और दिन किसी तरह बेचैनी में गुजारा और अगली शाम पुनः उसी समुद्र तट पर पहुंच गया, जहाँ उसे वामीरो मिली थी। उसका मन एक उधेड़बुन में था। कभी उसे लगता वामीरो नहीं आएगी और कभी उसे लगता वामीरो अवश्य आएगी।
इसी उधेड़बुन में बेहद तीव्र उत्कंठा से वामीरो की प्रतीक्षा कर रहा था। उसे लग रहा था कि यदि वामीरों नही आई तो समुद्र की लहरों की तरह उसे अपनी आशायें भी डूबती रही थीं। उसके मन में एक आशा थी कि वामीरो उससे मिलने अवश्य आएगी और ऐसा हुआ भी जब वामीरो दूर पेड़ों के झुंड के बीच में आती हुई दिखाई दी।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1 : निम्नलिखित वाक्यों के सामने दिए कोष्ठक में (✓) का चिह्न लगाकर बताएँ कि यह वाक्य किस प्रकार का है-
निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम ? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
वाह! कितना सुंदर नाम है। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
उत्तर :
- निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। — विधानवाचक
- तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? — प्रश्नवाचक
- वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। — विधानवाचक
- क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम ? — प्रश्नवाचक
- वाह! कितना सुंदर नाम है। — विस्मयादिबोधक
- मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। — विधानवाचक
प्रश्न 2 : निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
(क) सुध-बुध खोना
(ख) बाट जोहना
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(घ) आग बबूला होना
(ङ) आवाज़ उठाना
उत्तर : दिए गए मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग इस प्रकार होगा…
(क) सुध-बुध खोना
अर्थ : अपनी हालत का ध्यान नही रहना, होश खो देना
वाक्य प्रयोग : जब रोहन ने अपनी प्रेमिका को अचानक सड़क पर देखा, तो वह सुध-बुध खो बैठा और उसे अपने आसपास की दुनिया का कोई ध्यान नहीं रहा।
(ख) बाट जोहना
अर्थ : प्रतीक्षा करना
वाक्य प्रयोग : माँ रात भर अपने बेटे की बाट जोहती रही, जो शहर से घर लौटने वाला था।
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
अर्थ : बहुत प्रसन्न होना।
वाक्य प्रयोग : जब अनु को पता चला कि उसे अपनी पसंदीदा कंपनी में नौकरी मिल गई है, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
(घ) आग बबूला होना
अर्थ : बहुत अधिक क्रोध करना
वाक्य प्रयोग : जब मैनेजर ने कर्मचारियों की तनख्वाह में कटौती की घोषणा की, तो सभी कर्मचारी आग बबूला हो गए।
(ङ) आवाज़ उठाना
अर्थ : विरोध करना
वाक्य प्रयोग : छात्रों ने विश्वविद्यालय में होने वाले भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई और एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया।
प्रश्न 3 : नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए-
उत्तर : दिए गए शब्दों में मूल शब्द और प्रत्यय इस प्रकार होंगे…
चर्चित : चर्चा + इत
साहसिक : साहस + इक
छटपटाहट : छटपट + आहट
शब्दहीन : शब्द + हीन
प्रश्न 4 : नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए
……….. + आकर्षक = ……….
………… + ज्ञात = ………
………… + कोमल = …………
………. + होश = ………..
………… + घटना = ………….
उत्तर : दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द इस प्रकार होंगे…
अन + आकर्षक = अनाकर्षक
अ + ज्ञात = अज्ञात
सु + कोमल = सुकोमल
बे + होश = बेहोश
दुर + घटना = दुर्घटना
प्रश्न 5 : निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए
जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। (मिश्र वाक्य)
फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य)
वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी। (सरल वाक्य)
तताँरा को देखकर यह फूटकर रोने लगी। (संयुक्त वाक्य)
रीति के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। (मिश्र वाक्य)
उत्तर : दिए गए वाक्यों का निर्देशानुसार परिवर्तन इस प्रकार होगा…
- जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ।
मिश्र वाक्य : जीवन में पहली बार है कि मैं विचलित हुआ हूँ। - फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई।
संयुक्त वाक्य : फिर तेज कदमों से चलती हुई तताँरा के पास आई और ठिठक गई। - वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी।
सरल वाक्य : वामीरो कुछ सचेत होकर घर की ओर दौड़ी। - तताँरा को देखकर यह फूटकर रोने लगी।
संयुक्त वाक्य : उसने तताँरा को देखा और फूट-फूटकर रोने लगी। - रीति के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था।
मिश्र वाक्य : रीति के अनुसार यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।
प्रश्न 6. नीचे दिए गए वाक्य पढ़िए तथा ‘और’ शब्द के विभिन्न प्रयोगों पर ध्यान दीजिए-
पास में सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। (दो पदों को जोड़ना)
वह कुछ और सोचने लगी। (‘अन्य’ के अर्थ में)
एक आकृति कुछ साफ़ हुई… कुछ और … कुछ और… (क्रमशः धीरे-धीरे के अर्थ में)
अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ गई। (दो उपवाक्यों को जोड़ने के अर्थ में)
वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। (‘अधिकता’ के अर्थ में)
उसने थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा की। (‘निकटता’ के अर्थ में)
उत्तर : यह एक अवलोकर कार्य है, इसे छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 7. नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
भय, मधुर, सभ्य, मूक, तरल, उपस्थिति, सुखद।
उत्तर : दिए गए शब्दों के विलोम शब्द इस प्रकार होंगे..
भय – निर्भय
मधुर – कटु
सभ्य – असभ्य
मूक – वाचाल
तरल – ठोस
उपस्थित – अनुपस्थित
सुखद – दुखद
प्रश्न 8 : नीचे दिए गए शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-
समुद्र, आँख, दिन, अँधेरा, मुक्त।
उत्तर : दिए गए शब्दों के दो-दो पर्यायवाची
समुद्र – रत्नाकर, सागर
आँख – नयन, लोचन
दिन – दिवस, वार
अँधेरा – तिमिर, अंधकार
मुक्त – आजाद, स्वतंत्र
प्रश्न 9 : नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
किंकर्तव्यविमूढ़, विह्वल, भयाकुल, याचक, आकंठ।
उत्तर : दिए गए शब्दों के वाक्य प्रयोग इस प्रकार होंगे..
किंकर्तव्यविमूढ़ : कैकेयी द्वारा श्रीराम को चौदह वर्ष का वनवास दिए जाने के वचन की मांग पर राजा दशरथ किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए।
विह्वल : जब वह सैनिक युद्ध के मैदान से सकुशल वापस लौटकर घर आया तो उसकी माँ भाव विह्वल हो गई।
भयाकुल : जैसे ही भूकंप के कारण इमारत हिलने लगी तो सभी भयाकुल होकर भागने लगे।
याचक : सुदामा कृष्ण से बोले कि मैं तो याचक बनकर आपके द्वार पर आया हूँ।
आकंठ : हमारे देश की भ्रष्टचार व्यवस्था का आलम ये है कि सभी अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं।
प्रश्न 10. ‘किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुजरने लगा’ वाक्य में दिन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? आप दिन के लिए कोई तीन विशेषण और सुझाइए।
उत्तर : दिने के तीन विशेषण इस प्रकार होंगे..
लंबा दिन
अच्छा दिन
बुरा दिन
प्रश्न 11 : इस पाठ में ‘देखना’ क्रिया के कई रूप आए हैं-‘देखना’ के इन विभिन्न शब्द-प्रयोगों में क्या अंतर है?
इसी प्रकार ‘बोलना’ क्रिया के विभिन्न शब्द-प्रयोग बताइए।
उत्तर :
प्रश्न 12 : वाक्यों के रेखांकित पदबंधों का प्रकार बताइए-
उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था।
तताँरा को मानो कुछ होश आया।
वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।
तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को ढूंढने में व्यस्त थीं।
उत्तर : वाक्यों के रेखांकित पदबंधों के प्रकार इस तरह होंगे…
- उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था।
पदबंध भेद : विशेषण पदबंध - तताँरा को मानो कुछ होश आया।
पदबंध भेद : क्रिया पदबंध - वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।
पदबंध भेद : क्रिया विशेषण पदबंध - तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
पदबंध भेद : विशेषण पदबंध - उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को ढूंढने में व्यस्त थीं।
पदबंध भेद : विशेषण पदबंध
योग्यता विस्तार
प्रश्न 1 : पुस्तकालय में उपलब्ध विभिन्न प्रदेशों की लोककथाओं का अध्ययन कीजिए।
उत्तर : विद्यार्थी अपने क्षेत्र के निकटतम पुस्तकालय जायें और अलग-अलग प्रदेशों की लोककथाओं से संबंधित पुस्तकों को ढूंढें और उन्हें अपने पर लाकर पढ़ें।
प्रश्न 2 : भारत के नक्शे में अंडमान निकोबार द्वीप समूह की पहचान कीजिए और उसकी भौगोलिक स्थिति के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर : अंडमान निकोबार द्वीप समूह भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के बीच स्थित हैं। यह द्वीप समूह दो प्रमुख भागों में बंटा है: अंडमान द्वीप और निकोबार द्वीप।
भौगोलिक स्थिति
1. अक्षांश और देशांतर : ये द्वीप 6° से 14° उत्तरी अक्षांश और 92° से 94° पूर्वी देशांतर के बीच स्थित हैं।
2. कुल क्षेत्रफल : लगभग 8,249 वर्ग किलोमीटर।
3. द्वीपों की संख्या : कुल 572 द्वीप, जिनमें से कुछ ही आबाद हैं।
4. मुख्य शहर : पोर्ट ब्लेयर, जो कि अंडमान का मुख्यालय है।
5. प्राकृतिक विशेषताएँ : घने वन, समृद्ध जैव विविधता, प्रवाल भित्तियाँ, और समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध।
ये द्वीप समूह प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरणीय महत्व के कारण एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी हैं।
प्रश्न 3 : अंदमान निकोबार द्वीप समूह की प्रमुख जनजातियों की विशेषताओं का अध्ययन पुस्तकालय की सहायता से कीजिए।
उत्तर : विद्यार्थी इस विषय से संबंधित पुस्तकें पुस्तकालय से लाएं उन्हें पढ़ें।
प्रश्न 4 : दिसंबर 2004 में आए सुनामी का इस द्वीप समूह पर क्या प्रभाव पड़ा? जानकारी एकत्रित कीजिए।
उत्तर : दिसंबर 2004 में आए सुनामी का अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा। इस प्राकृतिक आपदा ने द्वीप समूह के बुनियादी ढांचे और जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया। विशाल लहरों ने तटीय क्षेत्रों को तहस-नहस कर दिया, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए। लगभग 3500 लोग मारे गए और कई लोग लापता हो गए। कृषि, मछली पालन और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। द्वीपों की भू-आकृति बदल गई; कुछ छोटे द्वीप जलमग्न हो गए और तटरेखा में परिवर्तन आया। सड़कों, पुलों और भवनों का व्यापक रूप से क्षरण हुआ, जिससे पुनर्निर्माण की आवश्यकता पड़ी। इस आपदा ने द्वीप समूह की जीवनशैली और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला।
परियोजना कार्य
प्रश्न 1 : अपने घर-परिवार के बुजुर्ग सदस्यों से कुछ लोककथाओं को सुनिए। उन कथाओं को अपने शब्दों में कक्षा में सुनाइए।
उत्तर : विद्यार्थी अपने दादा-दादी, नाना-नानी से अपने क्षेत्र की लोककथाओं को सुनें। इन लोककथाओं को अच्छे से समझ लें और फिर अपने अंदाज में अपनी कक्षा में सुनाएं।
तताँरा-वामीरो की कथा : लीलाधर मंडलोई (कक्षा-10, पाठ-10 हिंदी, स्पर्श भाग 2) (NCERT Solutions)
कक्षा-10 हिंदी स्पर्श 2 पाठ्य पुस्तक के अन्य पाठ
साखी : कबीर (कक्षा-10 पाठ-1 हिंदी स्पर्श 2) (हल प्रश्नोत्तर)
पद : मीरा (कक्षा-10 पाठ-2 हिंदी स्पर्श 2) (हल प्रश्नोत्तर)
मनुष्यता : मैथिलीशरण गुप्त (कक्षा-10 पाठ-3 हिंदी स्पर्श भाग 2) (हल प्रश्नोत्तर)
पर्वत प्रदेश में पावस : सुमित्रानंदन पंत (कक्षा-10 पाठ-4 हिंदी स्पर्श 2) (हल प्रश्नोत्तर)
तोप : वीरेन डंगवाल (कक्षा-10 पाठ-5 हिंदी स्पर्श 2) (हल प्रश्नोत्तर)
कर चले हम फिदा : कैफ़ी आज़मी (कक्षा-10 पाठ-6 हिंदी स्पर्श भाग-2) (हल प्रश्नोत्तर)
आत्मत्राण : रवींद्रनाथ ठाकुर (कक्षा-10 पाठ-7 हिंदी स्पर्श 2) (हल प्रश्नोत्तर)
बड़े भाई साहब : प्रेमचंद (कक्षा-10 पाठ-8 हिंदी स्पर्श 2) (हल प्रश्नोत्तर)
डायरी का एक पन्ना : सीताराम सेकसरिया (कक्षा-10 पाठ-9 हिंदी स्पर्श 2) (हल प्रश्नोत्तर)