जीवनाधार : जीवन + आधार
संधि भेद : दीर्घ स्वर संधि
स्पष्टीकरण
दीर्घ स्वर संधि का नियम : ‘जीवनाधार’ में ‘दीर्घ स्वर संधि’ है। यहाँ पर दीर्घ स्वर संधि का वह नियम लागू होता है, जिसमें जब किसी प्रथम शब्द के अंतिम वर्ण के स्वर ‘अ’ और द्वितीय शब्द के प्रथम वर्ण के स्वर ‘आ’ का मेल होता है, तो ‘आ’ बनता है।
इस संधि में ‘जीवन’ के अंतिम वर्ण ‘न’ का स्वर ‘अ’ तथा ‘आधार’ का प्रथम वर्ण का स्वर ‘आ’ का संयोजन होकर ‘आ’ वर्ण बन रहा है।
इसलिए जीवन + आधार = जीवनाधार होगा। इस संधि में दीर्घ स्वर संधि होती है।
‘स्वर संधि’ के पाँच उपभेद होते हैं, ‘दीर्घ स्वर संधि’ इन्हीं पाँच उपभेदों में से एक भेद है।
स्वर संधि के पाँच भेद :
1. दीर्घ संधि
2. गुण संधि
3. यण संधि
4. अयादि संधि
5. वृद्धि संधि
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