लगभग सारे सामाजिक सुधारकों ने विद्यालय व उच्च शिक्षा के संस्थान ही इसलिए स्थापित किए क्योंकि सभी सामाजिक सुधारों को को मालूम था कि समाज में परिवर्तन और जागरूकता केवल शिक्षा के माध्यम से ही लाई जा सकती है। अशिक्षा और अज्ञानता की समाज के पतन का कारण बनती है। समाज में जो भी कुरीतियां और अंधविश्वास व्याप्त था, वह सब अशिक्षा और अज्ञानता के कारण ही था। सामाजिक सुधारकों ने जब समाज के सुधार के लिए प्रयत्न किए तो उन्होंने पाया कि भारतीय समाज में शिक्षा गहरी पैठ बनाए हुए हैं। लोग अशिक्षा और अज्ञानता के कारण अपने कुरीतियों और अंधविश्वासों से चिपके हुए हैं। सामाजिक सुधारकों को पता था कि जब तक उन्हें उच्च शिक्षा प्रदान नहीं की जाएगी, लोगों में जागरूकता नहीं आएगी, और समाज सुधार संभव नहीं है। शिक्षा ही लोगों की अज्ञानता और अंधविश्वास को दूर करती है और उच्च विचारों के आगमन का द्वार खोल सकती है। इसीलिए सारे सामाजिक सुधारकों ने विद्यालय व उच्च शिक्षा के संस्थान स्थापित किए।
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