कवि फूलों को अनंत काल तक विकसित करने के लिए अनेक तरह के प्रयास करना चाहता है। कवि चाहता है कि वसंत ऋतु में जो सुगंधित व आकर्षक फूल खिले हुए हैं। वह यूं ही हमेशा अनंत काल तक खिलते रहें। इसके लिए कवि उन फूलों को आलस्य और प्रमाद से निकाल कर उन्हें चिरकाल तक खेलते रहने के लिए प्रेरित कर रहा है। ताकि वे सदैव अपनी सुगंध यूँ ही बिखेरते रहें।कवि उन फूलों को युवा का प्रतीक मानता है और वह उनके अंदर से उनका आलस्य और प्रमाद को हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहता है, ताकि वह जोश और उमंग से भरकर देश के विकास में अपना योगदान दे।
विशेष :
‘ध्वनि’ कविता जोकि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा लिखी गई है, उस के माध्यम से कवि निराला युवा मन में जोश भरने का प्रयत्न कर रहे हैं। वे आशावादी दृष्टिकोण अपनाकर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे हैं।
संदर्भ पाठ :
(‘ध्वनि’ कविता – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, पाठ 1, कक्षा 8)
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