गौरव स्कूटी से गिर पड़ा। इसमें कारक भेद इस प्रकार होगा :
वाक्य : गौरव स्कूटी से गिर पड़ा।
कारक भेद : अपादान कारक
स्पष्टीकरण :
‘गौरव स्कूटी से गिर पड़ा।’ इस वाक्य में ‘अपादान कारक’ इसलिए होगा, क्योंकि वाक्य के माध्यम से किसी एक वस्तु का दूसरी वस्तु से अलग होने का बोध हो रहा है। उपरोक्त वाक्य में ‘गौरव’ ‘स्कूटर’ से गिर कर अलग हो रहा है, इसलिए यहां पर ‘अपादान कारक’ होगा।
अपादान कारक :
‘अपादान कारक’ की परिभाषा के अनुसार किसी संज्ञा के जिस रूप से एक वस्तु के दूसरी वस्तु से अलग होने का बोध होता हो, वहाँ पर ‘अपादान कारक’ होता है।
- कोयला खान से निकलता है।
- साँप अपने बिल से बाहर निकला।
- नल से पानी गिरने लगा।
- गेंद लगते ही खिड़की का शीशा टूट कर गिर पड़ा।
कारक की परिभाषा :
हिंदी व्याकरण में कारक उन परसर्ग चिन्हों को कहते हैं, जिनके माध्यम से मुख्य संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वाक्य के शब्दों के साथ संबंध का बोध होता है।
हिंदी व्याकरण में कारक आठ प्रकार के होते हैं।
- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- अधिकरण कारक
- अपादान कारक
- संप्रदान कारक
- संबंध कारक
- संबोधन कारक
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