डायरी लेखन से तात्पर्य गद्य की उस विधा से है, जिसमें डायरी लिखने वाला व्यक्ति निजी स्तर पर अपने जीवन में घटित घटनाओं का क्रमबद्ध तरीके से वर्णन करता है।
इस वर्णन में उसकी बौद्धिक एवं भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का मिलाजुला भाव प्रकट होता है। डायरी लेखन अक्सर वही व्यक्ति करते हैं, जो बौद्धिक स्तर पर मंजे हुए होते हैं, अथवा भावनात्मक अधिक सुदृढ़ होते हैं। डायरी लेखन जीवन की दैनंदिनी घटनाओं का विवरण होता है, जिसमें व्यक्ति तिथिवार तरीके से दिनभर की गतिविधियों का लेखन करता है और उसने अपनी भावनाओं अपने विचारों को भी कागज पर शब्दबद्ध करता है।
तीन डायरियों और उनके लेखकों के नाम इस प्रकार हैं।
डायरी : पैरों में पंख बांधकर
लेखक : रामवृक्ष बेनीपुरी
डायरी : रूस में 25 मास
लेखक : राहुल सांकृत्यायन
डायरी : एक साहित्यिक की डायरी
लेखक : गजानन माधव मुक्तिबोध
डायरी क्या है?
डायरी गद्य की विधा है, जिसमें एक नोटबुक होती है, जिसमें 365 पेज होते हैं, जिन पर पूरे वर्ष की तिथि क्रमानुसार ऊपर मुद्रित होती हैं, और नीचे का पूरा पेज खाली होता है। जिस पर डायरी लेखक द्वारा उस दिन की घटनाओं का विवरण लिखा जाता है। इसमें लेखक अपने विचारों को और अपनी भावनाओं को शब्दबद्ध करता है। वह घटनाओं को अपने दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। बहुत सी डायरी लेखन बिना तिथि के भी की जाती है। यहाँ पर लेखक रोजाना करके किसी घटना के बारे में लिखता है उस दिन की तिथि को अंकित कर देता है। इस डायरी में तिथि मुद्रित नहीं होती।
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