अस्वाद का अर्थ है, स्वाद ना लेना और अस्वाद व्रत का अर्थ है, स्वाद की कामना न करना और अपनी जिह्वा पर नियंत्रण रखना। स्वाद यानि रस मजा यानी कोई भी खाद्य पदार्थ खाते वक्त हमें जो स्वाद लगता है वह ही आस्वाद है। अस्वाद व्रत का अर्थ है स्वाद के खाने हेतु स्वाद की मनोवृति पर अंकुश लगाना अर्थात भोजन को स्वाद के लिए नहीं बल्कि शरीर की जरूरत के अनुसार मानकर खाना। भोजन करते समय लोग स्वाद को अधिक महत्व देते हैं और स्वाद के कारण अलग-अलग तरह की चीजें खाते हैं, उसमें वह यह नहीं देखते कि उनके शरीर को इससे क्या लाभ क्या हानि है। उन्हें उसका स्वाद अच्छा लग रहा है, इसलिए वह खा रहे हैं। स्वाद की प्रवृत्ति पर नियंत्रण लगाना और स्वाद के प्रति निर्विकार भाव रखना ही आस्वाद व्रत है ।
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